बाढ़ एवं भूस्खलन से पीड़ित लोगों की मदद करते राहत कर्मी बाढ़ एवं भूस्खलन से पीड़ित लोगों की मदद करते राहत कर्मी 

कलीसिया द्वारा बाढ़ पीड़ितों की सहायता

केरल समाज सेवा मंच के प्रमुख फादर जॉर्ज वेत्तिकातिल जो केरल के 32 समाज सेवा केंद्रों का समन्वय करते हैं उनका कहना है कि कलीसिया मानसून के कारण बाढ़ और भूस्खलन के शिकार लोगों को बचाने और राहत प्रदान करने में जुटी है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

भारत, बुधवार, 14 अगस्त 2019 (ऊकान)˸ भारत में राहत प्रयासों में कलीसिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जहां लगातार बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन में 200 लोगों की मौत हो गई है।

अगस्त की शुरुआत से ही मूसलाधार बारिश ने बांधों को भर दिया है, जिससे अधिकारियों को भरी नदियों के जल को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है और कर्नाटक, तमिलनाडु आंध्र प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात सहित, दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों के इलाकों में बाढ़ आ गई।

केरल सबसे अधिक प्रभावित

केरल, जहां पिछले साल के अगस्त में अत्यधिक बारिश और बाढ़ ने 480 लोगों की जान ले ली थी, इस साल भी सबसे ज्यादा प्रभावित है। इस साल करीब 70 लोगों की मौत हो चुकी है। भारी वर्षा के कारण 9 से 11 अगस्त के बीच कई भूस्खलन हुए हैं।

केरल में करीब 2,50,000 लोग विस्थापित हैं और 1,600 राहत शिविरों में रह रहे हैं। राहत शिविर के रूप में कलीसिया द्वारा संचालित स्कूलों, छात्रावासों और गिरजाघरों को भी खोल दिया गया है।

केरल के समाज सेवा मंच के प्रमुख फादर जोर्ज वेत्तिकात्तिल ने कहा, "हमने अपने सभी संस्थानों को अस्थायी रूप से जरूरतमंद लोगों की सुरक्षा के लिए खोल दिया है।"  समाज सेवा मंच राज्य के कुल 32 काथलिक धर्मप्रांतों के उदार प्रयासों का समन्वय करता है।

उन्होंने बतलाया कि कलीसिया के एजेंसी 45,000 लोगों को कलीसिया के 300 विभिन्न संस्थानों में आश्रय प्रदान कर रहे हैं।

भूस्खलन

स्थानीय समाचार पत्रों से मिली जानकारी अनुसार 8 अगस्त को मालाप्पुरम जिला के कावालाप्पारा गाँव में हुए एक भूस्खलन में 50 लोग मर गये हैं तथा 70 घरों में से 30 घर मिट्टी में दब गये हैं।

पुथुमाला गाँव में हुए एक दूसरे भूस्खलन में 11 लोगों के मरने और 7 लोगों के लापता हो जाने की खबर है।

मानाथावादेय धर्मप्रांत के समुदाय रेडियो सेवा के निदेशक फादर मनोज काक्कोनाल ने ऊका समाचार को 12 अगस्त को बतलाया कि पुथुमाला में शवों की खोज जारी है।    

उन्होंने कहा, "घरों से मिट्टी, बोल्डर और मलबे की भारी मात्रा और लगातार बारिश ने इसे आरम्भिक दिनों में मुश्किल बना दिया।"

उन्होंने कहा कि बारिश 11 अगस्त से थम गई है और पुलिस और सेना के बचाव दल स्थानीय लोगों को राहत कार्यों में शामिल कर चुके हैं।

कलीसिया द्वारा सहायता

फादर काक्कोनाल ने कहा कि धर्मप्रांत के स्वयंसेवक, लोगों के घरों में जाकर उन्हें भोजन और अन्य मौलिक आवश्यकताओं की चीजें प्रदान कर रहे हैं।

उन्होंने बतलाया कि उनका रेडियो स्टेशन लोगों को बारिश के बारे में, उनके पास राहत शिविरों और मदद के लिए स्वयंसेवकों से संपर्क करने के तरीकों के बारे में सूचित करने के लिए शिविरों के आसपास जानकारी प्रसारित कर रहा है।

फादर ने कहा, "हमें लोगों से घबराहट भरे फोन आए हैं और हमने सरकारी अधिकारियों को सूचित किया है जिन्हें तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता थी। हमने अपनी सीमा के भीतर जरूरतमंदों की मदद करने के लिए स्वयंसेवकों को भी भेजा है।"

धर्मप्रांत ने सभी पल्लियों को लोगों के मोबाईल को चार्ज करने के लिए अपने जेनरेटर उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है ताकि वे अपने रिश्तेदारों से संपर्क कर सकें।

केरल के सिरो मलाबार कलीसिया के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जोर्ज अलेनचेरी ने सभी धर्मप्रांतों को निर्देश दिया है कि वे जरूरतमंद लोगों के लिए अपनी सुविधाएँ उपलब्ध करायें।

एदूक्की धर्मप्रांत के विकर जेनेरल फादर जोस प्लाकिकाल ने कहा कि अधिकतर पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को फिर से भूस्खलन होने का डर है।  

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14 August 2019, 15:41