सिग्निस के सदस्य सिग्निस के सदस्य 

काथलिक संप्रेषकों ने बेहतर समुदाय के निर्माण की प्रतिज्ञा की

काथलिक ऑडियो-विज़ुअल कम्युनिकेटर्स के वैश्विक मंच, सिग्निस की एशियाई शाखा ने 4-8 अगस्त को नई दिल्ली में अपनी सभा के अंत में एक संदेश जारी किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, बृहस्पतिवार, 22 अगस्त (रेई)˸ एशिया में काथलिक संप्रेषकों ने मुख्यधारा के मीडिया के छिपे हुए एजेंडों को उजागर करने में मदद करने और “विषाक्त संदेशों” का त्याग करने के द्वारा स्वस्थ समुदायों के निर्माण का प्रण किया।

19 देशों के कुल 120 लोगों ने भारत की राजधानी नई दिल्ली में सिग्निस एशिया द्वारा आयोजित सभा में भाग लिया। सिग्निस, एशिया काथलिक ऑडियो-विज़वल संप्रेषकों के वैश्विक मंच की क्षेत्रीय शाखा है।

सभा की विषयवस्तु थी, "समुदाय के निर्माण में संचार की भूमिका।"

सभा के अंत में एक अंतिम वक्तव्य में, उन्होंने सामाजिक संचार में अपने मिशन और विश्वास की फिर से पुष्टि की और "शांति, समानता, समावेशिता, सकारात्मकता और गरिमा के समुदायों का निर्माण करने" का संकल्प लिया।

उन्होंने माना कि संचार के पास समुदाय को जानकारी देने, सशक्त करने और उसका निर्माण करने की शक्ति है लेकिन यह "निहित स्वार्थों और व्यवसाय केंद्रित मीडिया मालिकों द्वारा 'विषाक्त संदेशों के माध्यम से समुदायों को विभाजित कर सकता है।"

इस परिस्थिति का सामना करने के लिए उन्होंने सिग्निस के सदस्यों के बीच "चिंतन की एक श्रृंखला" शुरू करने का निर्णय लिया तथा वीडियो, रेडियो, उत्पादन, प्रकाशन, फिल्म और डिजिटल मीडिया के द्वारा लोगों को प्रशिक्षण देने का निश्चय किया। इनका उद्देश्य होगा- नकारात्मक संदेशों की पहचान करना जो लोगों को विभाजित करते तथा समुदाय के निर्माण को ध्यान में रखते हुए, उनके स्थान पर सकारात्मक एवं भविष्यवादी संदेश देना।

प्रतिभागियों ने सदस्यों से "सहिष्णुता के पारंपरिक प्रतिमान से आगे बढ़ने और विविधता को अपनाने" एवं "तथ्यों और सच्चाई से डर का सामना करने के लिए बुद्धिमान तथा साहसी बनने का आग्रह किया।"

सिग्निस के सदस्यों ने मुक्ति और आजादी के संघर्ष में, लोगों को अपने कार्यों का केंद्र बनाकर" ध्वनिहीनों की आवाज बनने और सभी की गरिमा को महत्व देते हुए कमजोर लोगों को शक्ति प्रदान करने की प्रतिज्ञा की।

सभा ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे समाधान उन्मुख पत्रकारिता के लिए कार्य करें और लोगों को प्रतिध्वनि कक्षों से बाहर आने के लिए प्रेरित करें जहां वे केवल अपनी आवाज़ सुनते रहते किन्तु दूसरों की आवाज नहीं सुन सकते हैं।

उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे सामाजिक संचार का सकारात्मक प्रयोग समुदाय निर्माण के लिए करना सीखें।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

22 August 2019, 16:57