जापान के धर्माध्यक्ष, शांति के लिए 10 दिनों की प्रार्थना
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
जापान, बृहस्पतिवार, 18 जुलाई 2019 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस इस साल के नवम्बर माह में जापान की प्रेरितिक यात्रा करेंगे। इसके पूर्व 38 साल 9 महिनों पहले संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने जापान की यात्रा की थी एवं हिरोसिमा में शांति की अपील की थी।
जापान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने एक संदेश प्रकाशित कर कहा कि हम शांति के इसी संदेश को दुनिया को देना चाहते हैं।
उन्होंने संदेश में लिखा है कि जब से संत पापा फ्राँसिस पोप बने हैं तब से उन्होंने शांति एवं परमाणु हथियार को समाप्त करने पर जोर दिया है। 7 जुलाई 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने परमाणु हथियारों के निषेध पर एक ऐतिहासिक संधि को अपनाया। पिछले 23 मार्च को, संत पापा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को एक संदेश दिया कि आतंकवाद, विभिन्न सैन्य शक्तियों के बीच संघर्ष, सूचना की सुरक्षा, पर्यावरणीय मुद्दे, गरीबी आदि प्रमुख विषय हैं जो आधुनिक दुनिया की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालते हुए जटिल तरीके से एक-दूसरे से जुड़े हैं।
उन्होंने संदेश में लिखा कि संत पापा फ्राँसिस के अनुसार, सभी लोगों के समग्र विकास का अर्थ है आर्थिक समानता, समाज से कोई भी बहिष्कृत न हो एवं सभी इस विकास में भाग ले सकें। उन्होंने कहा है कि आर्थिक, सांस्कृतिक, पारिवारिक, धार्मिक क्रिया-कलापों में लोग स्वतंत्र रूप से भाग ले सकें जो मानव के विकास के लिए आवश्यक है। शांति जो समग्र विकास से आती है वह समाप्त हो सकती है अतः दुनिया में शांति के निर्माण एवं रक्षा के लिए, न केवल परमाणु हथियार का निषेध जरूरी है किन्तु सभी लोगों को हर दृष्टिकोण से समृद्ध बनना है।
उन्होंने कहा, "संत पापा फ्राँसिस के साथ हम शांति के लिए, ईश्वर से सम्पूर्ण हृदय से प्रार्थना करते हैं कि हम समग्र विकास में भाग लेते हुए शांति की स्थापना कर सकें और परमाणु हथियारों पर निषेध लगा सकें।"
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