कार्डिनल के धर्मप्रान्त लौटने का पुरोहितों ने किया विरोध
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
एरनाकुलम, शुक्रवार, 26 जुलाई 2019 (सी. एन.आ.): केरल के एरनाकुलम महाधर्मप्रान्त के काथलिक पुरोहित सन्त पापा फ्रांसिस द्वारा कार्डिनल जॉर्ज आलेनचेरी के पुनर्प्रतिष्ठापन का विरोध कर रहे हैं। कार्डिनल आलेनचेरी वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों का सामना कर रहे हैं। उनपर यह भी आरोप है कि बलात्कार की शिकार बनी एक धर्मबहन की शिकायत के बावजूद आरोपी धर्माध्यक्ष पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
आरोप
सिरोमलाबार काथलिक कलीसिया के धर्माधिपति कार्डिनल जॉर्ज आलेनचेरी पर 2015 में संदिग्ध भूमि सौदों में शामिल होने का आरोप लगा है। आरोप है कि कार्डिनल आलेनचेरी ने भूमि ब्रिकी से पूर्व कलीसियाई समिति से सलाह-मशवरे की ज़रूरत सम्बन्धित कानून को दरकिनार कर कलीसिया की भूमि बेच डाली जिससे कलीसिया को भारी नुकसान हुआ है।
स्थानीय स्तर पर एक विशिष्ट आयोग द्वारा की गई जाँच पड़ताल के उपरान्त 2018 में वाटिकन ने कार्डिनल आलेनचेरी के स्थान पर एक प्रेरितिक प्रशासक की नियुक्ति की थी किन्तु इस वर्ष जून माह में सन्त पापा फ्राँसिस ने कार्डिनल को पुनर्प्रतिष्ठापित कर दिया।
विरोध
कार्डिनल महोदय के पुनर्प्रतिष्ठापन का विरोध करते हुए लगभग 450 काथलिक पुरोहितों ने विगत सप्ताह कोची शहर स्थित कार्डिनल आलेनचेरी के निवास पर धरणा देकर भूख हड़ताल की तथा रात्रि जागरण में भाग लिया। उन्होंने वाटिकन द्वारा की गई जाँच पड़ताल को भी उजागर करने की मांग की।
पत्रकारों को विरोधकर्त्ता पुरोहितों ने बताया कि सिरोमलाबार कलीसियाई धर्मसभा के कुछेक सदस्यों के साथ मुलाकात के उपरान्त उन्होंने अपनी मांगों को पेश किया तथा भूख हड़ताल समाप्त की। धर्मसभा के सदस्यों ने आश्वासन दिया है कि अगस्त माह के लिये निर्धारित धर्मसभा की बैठक में उनकी मांगों पर विचार-विमर्श किया जायेगा।
इसी बीच, कार्डिनल आलेनचेरी पर यह भी आरोप है कि उन्होंने एक अन्य धर्माध्यक्ष के दुराचार को जानबूझकर अनदेखा कर दिया था।
भारत के एक टेलेविज़न चैनल पर विगत सप्ताह एक ऑडियो रिकार्डिंग प्रसारित की गई थी जिससे यह संकेत मिलता है कि कार्डिनल आलेनचेरी एक धर्मबहन के इस दावे से वाकिफ़ थे कि एक धर्माध्यक्ष ने उसका बलात्कार किया था।
धर्मबहन ने जून 2018 को जालन्धर के धर्माध्यक्ष फ्राँको मूलाकल पर 2014 में उनके बलात्कार का आरोप लगाया था और दावा किया था कि लगातार दो वर्षों तक उनका बलात्कार होता रहा था।
अप्रैल माह में स्थानीय अधिकारियों ने घोषणा की थी कि धर्माध्यक्ष मूलाकल को आजीवन कारावास की अधिकतम सज़ा का समाना करना पड़ सकता है। इस सप्ताह उन्हें अदालत के सामने पेश होना है। मूलाकल ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
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