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मैंगलोर के धर्माध्यक्ष पौल साल्दान्हा मैंगलोर के धर्माध्यक्ष पौल साल्दान्हा 

फादर रेमान्ड की धन्य घोषणा हेतु धर्मप्रांतीय स्तर पर जाँच समाप्त

फादर रेमान्ड कमिल्लुस मसकरेनहास को 2008 में प्रभु सेवक घोषित किया गया था। उसी साल से धर्मप्रांत में खोज प्रक्रिया शुरू की गयी थी। ऐतिहासिक आयोग ने भारत और रोम में 90 अभिलेखागार एवं पुस्तकालायों का दौरा किया है। धर्मप्रांतीय स्तर पर खोज समाप्त होने के बाद अब दस्तावेजों को वाटिकन के संत प्रकरण परिषद के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद को सौंप दिया जाएगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

मैंगलोर, शनिवार, 20 जुलाई 2019 (एशियान्यूज)˸ प्रभु सेवक फादर रेमान्ड कमिल्लुस मसकरेनहास की संत घोषणा प्रक्रिया में धर्मप्रांतीय स्तर पर जाँच की प्रक्रिया समाप्त होने पर मैंगलोर के काथलिकों ने खुशी मनाया। वे धर्मप्रांत के पहले पुरोहित हैं जिन्हें प्रभु सेवक घोषित किया गया है। 

बुधवार को संत सेबास्तियन गिरजाघर में समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित किया गया। यह समारोह स्थानीय कलीसिया के लिए मील के पत्थर के समान है जिन्हें जल्द ही अपने नये संत को पाने की उम्मीद है।  

प्रभु सेवक फादर रेमांड एफ. सी. मसकरेनहास

प्रभु सेवक फादर रेमांड एफ. सी. मसकरेनहास का जन्म 1875 को कर्नाटक के शिवमोग्गा में एक अच्छे ख्रीस्तीय परिवार में हुआ था। उन्होंने मैंगलोर के बेथानी की लिटल फ्लावर की धर्मबहनों के धर्मसंघ की स्थापना की है।  

अपने जीवनकाल में फादर ने कई पल्लियों में उत्साहपूर्वक अपनी सेवाएँ दीं एवं विश्वासियों की देखभाल में पूर्ण रूप से समर्पित रहे। उन्होंने संत सेबास्तियन गिरजाघर की स्थापना की, जहाँ उन्हें 1960 में दफनाया गया और सन् 2008 में उन्हें प्रभु सेवक घोषित किया गया।

संत घोषणा की प्रक्रिया

2007 में बेथानी की लिटल फ्लावर की धर्मबहनों के धर्मसंघ की सुपीरियर जेनेरल सिस्टर ज्योति ने सिस्टर लिलीस काट्टाकायाम को, संत घोषणा प्रक्रिया को आगे बढ़ाने हेतु पोस्टुलेटर नियुक्त किया। उन्होंने स्थानीय धर्माध्यक्ष के पास जाँच के लिए याचिका पेश की जिसे 17 अगस्त 2008 को धर्माध्यक्ष अलोइसियुस पी डीसूजा ने अपनी सहमति प्रदान की।  

तब से फादर जे. बी. साल्दान्हा, सिस्टर मरियेते बी. एस. और फादर पीटर मसकारेनहास एम. एम. एस. ने भारत और रोम में कुल 90 अभिलेखागार एवं पुस्तकालायों दौरा कर आवश्यक दस्तावेजों को जमा किया है, जिसको जाँच आगे बढ़ाने हेतु अब वाटिकन के संत प्रकरण परिषद के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद को सौंप दिया जाएगा।

धर्मप्रांत के इस समापन समारोह में सैंकड़ों, धर्मबहनों, लोकधर्मियों एवं प्रभु सेवक के रिश्तेदारों ने भाग लिया।

प्रभु सेवक फादर रेमांड के सद्गुण

समारोह के दौरान धर्माध्यक्ष के प्रतिनिधि फादर हेनरी सेक्विरा ने दस्तावेजों की सत्यता को प्रमाणीकृत किया तथा इसे धर्माध्यक्ष पीटर पौल साल्दान्हा को सौंप दिया। दस्तावेज की एक प्रति को दिल्ली स्थिति प्रेरितिक राजदूतावास के माध्यम से वाटिकन के संत प्रकरण परिषद के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद को सौंपा जाएगा।

धर्माध्यक्ष पीटर पौल साल्दान्हा ने अपने सम्बोधन में प्रभु सेवक के सदगुणों, खासकर, उनके पुरोहितीय बुलाहट में समर्पण, प्रेरितिक उत्साह, ईश वचन एवं यूखरिस्त के प्रति प्रेम, कलीसिया एवं समाज के लिए उनके नये दर्शन और गरीबों (परित्यक्त लड़कियों) के लिए उनके त्यागमय स्नेह पर प्रकाश डाला।

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20 July 2019, 14:32