कोरियाई धर्माध्यक्षों को मेल-मिलाप एवं राष्ट्रीय एकता की उम्मीद
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 4 जुलाई 2019 (रेई)˸ कोरिया के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा प्रकाशित संदेश में कहा गया है कि "वर्ष 2020 जो कोरियाई युद्ध आरम्भ होने की 70वीं वर्षगाँठ को रेखांकित करता है, वह शांति एवं एकता के एक नये युग की शुरूआत बन जाए।"
"यह एक ऐसा वर्ष हो जिसमें देश के विभाजन की त्रासदी को कोरियाई युद्ध के अंत की घोषणा के साथ समाप्त कर दिया जाए और कोरियाई प्रायद्वीप के लिए शांति की संधि स्थापित हो।"
रविवार 30 जून को कोरियाई नेता किम जोंग उन एवं अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ड्रम्प ने एक-दूसरे से मुलाकात की जिसे एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
शांति के लिए मील का पत्थर
महाधर्माध्यक्ष हैजिनुस किम ली जुंग द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में कहा है कि 30 जून को पानमूनजोम शहर में मुलाकात हुई जिसे कोरिया के विभाजन का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने कहा है कि यह अवसर कोरियाई प्रायद्वीप, उत्तर-पूर्वी एशिया एवं विश्वभर में शांति के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर था।
महाधर्माध्यक्ष ने यह भी याद किया कि 25 जून को जब कोरियाई युद्ध की 69 वर्षगाँठ की याद की गयी, तब काथलिक कलीसिया ने कोरियाई लोगों के मेल-मिलाप एवं एकता हेतु इसे एक प्रार्थना दिवस के रूप में मनाया था।
संत पापा फ्राँसिस भी किम-ट्रम्प मुलाकात को "मुलाकात की संस्कृति" के रूप में देख रहे हैं।
इस दिन की यादगारी में उत्तर कोरिया की सीमा पर ग़ैर-फ़ौजीकृत क्षेत्र (डीएमज़ेड) के निकट इमजिनगाक गाँव में शांति के लिए ख्रीस्तयाग अर्पित किया गया था।
कोरिया के विभाजन के बाद 27 जुलाई 1953 को युद्धविराम के साथ युद्ध का अंत हुआ था किन्तु शांति संधि नहीं होने के कारण दोनों पड़ोसियों के बीच व्यवहारिक युद्ध अब भी चल रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन
महाधर्माध्यक्ष हैजिनुस ने कहा है कि कोरिया में काथलिक कलीसिया वार्ता एवं मुलाकात जारी रखने एवं अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा समर्थन और प्रोत्साहन की अपील करती है।
महाधर्माध्यक्ष की उम्मीद है कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया एवं अमरीका के बीच मुलाकात शुभ समाचार लेकर आयेगी। उन्होंने कहा कि अनेक कठिनाइयों के बावजूद कोरियाई प्रायद्वीप में स्थायी शांति आ रही है। अतः कोरिया के लोगों के बीच मेल-मिलाप एवं राष्ट्रीय एकता जल्द ही आयेगी।
संत पापा की अपील
रविवार 30 जून को संत पापा फ्राँसिस ने अमरीका एवं उत्तर कोरिया के नेताओं के बीच मुलाकात के प्रति आशा व्यक्त की थी।
देवदूत प्रार्थना के उपरांत उन्होंने कहा था, "कुछ समय पहले हमने कोरिया में मुलाकात की संस्कृति का एक अच्छा उदाहरण देखा है।" उन्होंने उम्मीद जतायी थी कि यह महत्वपूर्ण चिन्ह, शांति की राह पर कदम आगे बढ़ायेगा, न केवल कोरियाई प्रायद्वीप के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए।
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