एरीट्रेया में महिलाओं एवं बच्चों का एक दल एरीट्रेया में महिलाओं एवं बच्चों का एक दल  

इरीट्रिया में ख्रीस्तियों पर कार्रवाई से जरूरतमंद लोग प्रभावित

कलीसिया द्वारा जरूरतमंद लोगों की सहायता करने वाले संगठन ने कहा कि एरीट्रियाई सरकार का काथलिकों द्वारा संचालित स्वास्थ्य सुविधाओं को बंद करने का निश्चय जरूरतमंद हजारों लोगों को प्रभावित करेगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

एरीट्रेया, बृहस्पतिवार, 25 जुलाई 19 (रेई)˸ "एड टू द चर्च इन नींड" का कहना है कि एरीट्रिया में काथलिकों एवं कई अन्य लोगों की स्थिति मुश्किलता में है जो सिर्फ उन्हें प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर निर्भर रहते हैं, सरकार उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर कड़ी कार्रवाई करती है।   

कलीसिया द्वारा जरूरतमंद लोगों की सहायता करने वाले संगठन ने कहा कि एरीट्रियाई सरकार का काथलिकों द्वारा संचालित स्वास्थ्य सुविधाओं को बंद करने का निश्चय जरूरतमंद हजारों लोगों को प्रभावित करेगा।  

परमधर्मपीठीय फाऊँडेशन "एड टू द चर्च इन नीड" (कलीसिया द्वारा जरूरतमंद लोगों की सहायता) से जुड़े स्थानीय सूत्रों ने इस स्थिति को निराशाजनक बतलाया, खासकर, उन लोगों के लिए जो देहात क्षेत्रों में रहते हैं।

राष्ट्रीयकरण के कारण इरीट्रियाई कलीसिया को निराशा

कलीसियाई संगठन ने कहा, "वे हमें उन चीजों को देने से मना कर रहे हैं जो हम थोड़ा उन्हें दे पा रहे थे, जहाँ लोगों की चिंता कोई नहीं करता, यहाँ तक कि सरकार भी नहीं।" इस बात पर गौर करते हुए उन्होंने दु˸ख प्रकट किया कि यदि सरकार स्कूलों को भी बंद करने के लिए कलीसिया को मजबूर करेगी तो पुरोहित एवं धर्मबहनें तो बचने का रास्ता ढूँढ़ लेंगे लेकिन लोगों का क्या होगा?   

अंतरराष्ट्रीय उदासीनता

सुरक्षा के ख्याल से नाम नहीं बताने की शर्त पर स्थानीय सूत्रों ने दुनिया की उदासीनता पर खेद प्रकट की जो इन चीजों को नहीं देख पाती है।  

उन्होंने कहा,"क्या यह केवल तभी सचेत होती है जब अधिक आप्रवासी इटली के समुद्र तटों पर पहुँचते हैं?" उन्होंने गौर किया कि हाल के सप्ताहों में विभिन्न धर्मसमाजों एवं धर्मप्रांतों द्वारा संचालित 22 स्वास्थ्य केंद्रों को सन् 1995 के कानून को लागू करते हुए बंद कर दिया गया। 1995 के कानून में केवल राज्य को ही एकमात्र सामाजिक सहायता प्रदाता के रूप में प्रस्तुत किया गया है।   

इसके अलावा 8 काथलिक स्वास्थ्य केंद्रों को 2017 एवं 2018 के बीच जब्त कर लिया गया था। एड टू द चर्च इन नींड ने सवाल किया है कि सरकार किस तरह इन सेवाओं को प्रदान कर सकती है जबकि अस्पतालों में पर्याप्त उपकरणों एवं संसाधनों का अभाव है?

1995 का नियम कहता है कि मौजूदा सुविधाओं को सार्वजनिक किया जाना चाहिए किन्तु उपकरणों एवं संसाधनों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। एजेंटों ने जनता को महत्वपूर्ण सेवाओं से वंचित करते हुए सब कुछ सील कर दिया है।”

काथलिक फाऊँडेशन ने कहा कि उनके द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्रों में हर धर्म के लोगों को सहायता दी जाती थी क्योंकि इरीट्रियाई में केवल 5 प्रतिशत लोग काथलिक हैं।

उन्होंने कहा कि क्लीनिक से जुड़े कॉन्वेंट को भी सील कर दिया गया है जिसके कारण वहाँ रहने वाली धर्मबहनें अपने धर्मसमाज के दूसरे समुदायों में जाने के लिए मजबूर हैं। "उनमें से कई देश भी नहीं छोड़ सकते क्योंकि सरकार 40 वर्ष से कम उम्र की महिला एवं 50 साल से कम उम्र के पुरूषों को विदेश जाने की अनुमति नहीं देती है जिन्होंने सैन्य सेवा प्रदान नहीं की है।"

स्कूल और नर्सरी

अब इरीट्रियाई काथलिकों द्वारा संचालित 50 स्कूलों और 100 से अधिक नर्सरी स्कूलों के भविष्य के लिए डर है।

पिछले साल देश में एकमात्र सेमिनरी को बंद कर दिया गया था। सरकार ने आदेश जारी किया है कि काथलिक स्कूलों सहित सभी छात्रों को हाई स्कूल के अंतिम वर्ष में एक सैन्य संस्थान में भाग लेना होगा, अन्यथा उन्हें डिप्लोमा नहीं दिया जाएगा।

धर्मबहनें जो जब्त किये गये स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत थी उन्हें अन्य अस्पतालों में भी कार्य करने से रोका जा रहा है।

पिछले दिनों प्रकाशित एक पत्र में देश के चार काथलिक धर्माध्यक्षों ने स्वास्थ्य केंदों को सील किये जाने का विरोध किया था और कहा था कि कलीसिया की सम्पति को सील करना, कलीसिया के धार्मिक अधिकार का उल्लंघन है।

इरीट्रिया की सरकार, इथोपिया से 1993 में आजाद होने के बाद से ही राष्ट्रपति इसायस अफवेर्की के नेतृत्व में चल रही है।

2007 में सरकार ने इरिट्रियाई ऑर्थोडॉक्स कलीसिया के शीर्ष अधिकारी अबूने अंतोइनोस को हटा दिया था, जब उन्होंने शासन का विरोध करने वाले 3,000 सदस्यों को कलीसिया से बाहर करने से इन्कार कर दिया था।    

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25 July 2019, 17:03