निगेर में सुरक्षाकर्मी निगेर में सुरक्षाकर्मी 

निगेर में प्रदर्शनकारियों ने गिरजाघर को आग के हवाले किया

निगेर में एक प्रोटेस्टट गिरजाघर को, एक प्रमुख मुस्लिम नेता की गिरफ्तारी के बाद आग के हवाले कर दिया गया, जो देश में अंतरधार्मिक झगड़े को बढ़ावा दे रहा है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

निगेर, मंगलवार, 18 जून 2019 (रेई)˸ मारादी शहर स्थित असेम्बली ऑफ गॉड कलीसिया के गिरजाघर को आग के हवाले करना, कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा जवाबी कार्रवाई थी, जो एक प्रमुख इमाम की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। 

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि युवाओं का एक दल सड़क को रोककर तथा टायर जलाकर प्रदर्शन कर रहा था।

गिरजाघर में आग उस समय लगायी गयी जब पुलिस ने ज़ारिया मस्जिद के प्रभावशाली इमाम को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। उन पर शुक्रवार को निगेर में "इस्लाम-विरोधी" पूजा के संगठन पर एक सरकारी बिल की आलोचना करने का आरोप लगाया गया था।

हालांकि, पुलिस ने कहा कि उन्हें रविवार को छोड़ दिया गया और यह भी बलताया कि उसने माफी मांग ली है। अपने रिहा होने के कुछ देर पहले एक संदेश में इमाम ने अपने समर्थकों से आग्रह किया था कि वे शहर में तनाव उत्पन्न करना बंद करें तथा जोर दिया था कि इस्लाम इसका समर्थन नहीं करता।

दृढ़ रहने का निमंत्रण

निगेर एवं बुरकिना फासो के धर्माध्यक्ष ने हाल में आतंकवादियों द्वारा जनता के बीच भय पैदा करने और अंतर-समुदाय और अंतरधार्मिक संघर्षों के बीज बोने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रणनीतियों की निंदा की थी।

उन्होंने खासकर, ख्रीस्तियों को निमंत्रण दिया था कि वे प्रार्थना में दृढ़ रहें, विवेक से काम लें और विश्वास एवं आशा के मामले में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक दोनों स्तर पर जागरूक रहें। धार्मिक अभ्यास से संबंधित बिल को सोमवार को संसद में बहस किया जाना था।

रक्षा करने का कर्तव्य

प्रधानमंत्री एवं मुस्लिम संगठनों के नेताओं के बीच मुलाकात के बाद उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस्लाम के खिलाफ कोई कारर्वाई नहीं की जायेगी और इस बात पर जोर दिया कि "हमारा कर्तव्य है कि हम अन्य धर्मों की भी रक्षा करें।"

निगेर के अंत्रिम मंत्री ने कहा कि इस कानून को लागू किये जाने का उद्देश्य था आतंकवादी संगठनों के अपशब्दों से बचना।

हिंसा जारी

निगेर एक मुस्लिम बहुल देश है जिसमें 20 मिलियन आबादी में ख्रीस्तियों की संख्या केवल 1-2 प्रतिशत है।

देश में पहले भी धर्म के नाम पर तनाव हो चुके हैं। 2015 में फ्राँसीसी समाचार पत्र चार्ली हेब्दो द्वारा पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के प्रकाशन के बाद, ईसाई दंगे हुए थे जिसके कारण नियामे में 10 लोगों की हत्या हो गयी थी तथा राजधानी और जिंदर में कई गिरजाघरों को जला दिया गया था।

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18 June 2019, 16:02