प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर 

चुनाव जीतने के तुरन्त बाद ख्रीस्तियों पर हमले

बोडीगुडा गाँव में 300 हिन्दूओं के एक चरमपंथी दल ने तीन ख्रीस्तियों के घर को जला डाला क्योंकि उन्होंने धर्मांतरण करने से इनकार कर दिया था। पुलिस भी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर रही थी।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

भारत, मंगलवार, 28 मई 2019 (रेई)˸ 2019 में आम चुनाव समाप्त होने के बाद ख्रीस्तियों पर हिंसक हमले पुनः शुरू हो गये हैं। हमला की नवीनतम घटना छत्तीसगढ़ के एक गाँव में 23 मई को घटी। इस घटना में करीब 300 लोगों ने तीन ख्रीस्तियों के घर को लूटा तथा उसे तहस-नहस कर दिया। उनकी गलती ये थी कि उन्होंने अपने विश्वास का परित्याग करने से इनकार कर दिया था।

धर्मांतरण नहीं करने पर हमला

ख्रीस्तियों पर हमला की यह घटना सुकमा जिले के बोदीगुडा गाँव की है। प्रत्यक्ष दर्शकों के अनुसार हमला के दिन उन ख्रीस्तियों के विश्वास को लेकर ग्रामीण समिति की सभा बुलाई गयी थी। ख्रीस्तीय धर्म छोड़ने से इनकार करने पर करीब 300 हिन्दू चरमपंथियों ने उनके घर गिरा दिये तथा उन्हें ध्वस्त कर दिया। उसके बाद तीनों ख्रीस्तीय परिवारों के पिताओं-सरियाम इरमा, उर्मा देता तथा पादाम सुपा को अधिक बुरा हाल किये जाने की धमकी के साथ गाँव छोड़ने का आदेश दिया गया।

एशियान्यूज से बातें करते हुए नई दिल्ली के एडीएफ (एलायंस डिफेंडिंग फ्रिडम) के विकास विभाग के निदेशक एसी माइकेल ने कहा कि वकील सन सिंह झाली ने ख्रीस्तियों को शिकायत दर्ज कराने में मदद दी किन्तु पुलिस ने औपचारिक रूप से मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। दलाल चाहते थे कि उन्हें किसी तरह उनके अत्याचारियों के साथ समझौता कराया जाए। अंततः वकील ने उन्हें जिला दण्डाधिकारी के पास पहुँचाया जहाँ वे अपनी शिकायत दर्ज करा पाये। अधिकारियों ने उचित कार्रवाई किये जाने का वचन दिया है।

इस चुनाव को धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और धमकी की कई घटनाओं द्वारा रेखांकित किया गया था, न केवल ख्रीस्तीय बल्कि मुस्लिम लोगों के प्रति भी।  

यह घटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दोबारा चुने जाने के बाद कही गयी बात "समावेशी" भारत के निर्माण के मद्देनजर एक अच्छा संकेत नहीं है। वास्तव में, उनके पहले कार्यकाल के दौरान भी कार्यकर्ताओं और धार्मिक नेताओं ने उन लोगों के खिलाफ दुर्व्यवहार के बढ़ने की रिपोर्ट की है जो बहुसंख्यक हिंदू धर्म को नहीं मानते हैं।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

28 May 2019, 17:25