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अपनी पत्नी आसिया बीबी की तस्वीर के साथ उनके पति अपनी पत्नी आसिया बीबी की तस्वीर के साथ उनके पति  

आसिया बीबी ने पाकिस्तान छोड़ा

पाकिस्तान की काथलिक महिला आसिया बीबी जिसे ईशनिंदा के आरोप में 2010 में मृत्युदण्ड की सजा मिली थी तथा विगत अक्टूबर माह में रिहा कर दिया गया था, वह कनाडा पहुँच चुकी है। पाकिस्तान में मारे गये ख्रीस्तीय राजनेता शाहबाज़ भट्टी के भाई पॉल भट्टी ने इस समाचार का स्वागत किया है तथा सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिहाई की सराहना की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

बुधवार को उनके वकील सैइफ उल मालूक ने कहा कि काथलिक महिला जो आठ सालों तक मौत की सजा के कतार पर खड़ी रही जब तक कि सुप्रीम कोर्ट ने उसे बरी नहीं कर दिया। अब वह देश छोड़ चुकी है।  

आसिया बीबी के वकील ने रोयटर को बतलाया, "मैंने उपलब्ध चैनलों से पूछताछ करने की कोशिश की और उसके अनुसार वह कनाडा जा चुकी है।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सरकार ने उसके गणतव्य स्थान एवं उसके चले जाने को प्रकट नहीं किया है किन्तु पाकिस्तनी टीवी चैनल जेओ और ए आर वाई ने अज्ञात स्रोत के हवाले से आसिया बीबी के देश छोड़ने की जानकारी प्रकाशित की है।

आसिया बीबी 2009 में जेल भेज दी गयी थी तथा उसे 2010 में मृत्यु दण्ड की सजा सुनायी गयी थी उसे विगत साल 31 अक्टूबर को निर्दोष घोषित किया गया।

पाकिस्तान के ईश निंदा कानून मुख्यतः मुस्लिम राष्ट्र में एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है आसिया बीबी के मामले ने लोगों को विभाजित कर दिया है, इसकी देश के भीतर भी तीव्र आलोचना की जा रही है।

पंजाब के राज्यपाल सलमान तासीर और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री, शहबाज भट्टी, दोनों की हत्या 2011 में की गई थी जब उन्होंने आसिया बीबी का बचाव किया और उसकी मौत की सजा और ईशनिंदा कानूनों के दुरुपयोग के खिलाफ बात की थी।

शहबाज भट्टी के भाई, पॉल भट्टी ने, आसिया बीबी के पाकिस्तान छोड़ने की खबर का स्वागत किया है। पॉल, जो उत्तर इटली में एक चिकित्सक है, उन्होंने वाटिकन न्यूज को बताया कि काथलिक महिला जिसको बहुत लंबे समय से कष्ट झेलना पड़ा है और अगर वह देश से बाहर नहीं होती तो उसे बहुत दुःख सहना पड़ता।

उन्होंने कहा कि ईशनिंदा कानून के कारण कई लोगों को बलिदान होना पड़ा है लेकिन आखिरकार, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने यह कहते हुए उसे निर्दोष घोषित कर दिया कि यह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका द्वारा फैसला देश के लिए एक अच्छा संदेश है, और कई लोगों ने महसूस किया है कि यह इस बात को साबित करने के लिए एक कदम है कि पाकिस्तान चरमपंथियों का देश नहीं है और वह मानवाधिकारों में विश्वास करता है।

भट्टी ने बतलाया कि आसिया बीबी के मामले ने कनाडा में बहुत रुचि उत्पन्न की है, खासकर, अल्पसंख्यकों के बीच जिसमें मुस्लिम भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में पंजाब की सरकार जो अप्रैल माह में कनाडा में थी इस बात पर खुलकर खेद व्यक्त किया था कि आसिया बीबी को न्याय मिलने से बहुत समय से इन्कार किया गया था और देश कट्टरता और अतिवाद का शिकार था। उनकी उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की घटना फिर न घटे।

भट्टी ने पाकिस्तान में मुसलमानों और ईसाइयों के बीच संबंधों में सुधार पर संतोष व्यक्त किया, उन्होंने कहा कि वे सामान्य मूल्यों को साझा करते हैं और धर्म के नाम पर हत्या की निंदा करते हैं।

उन्होंने कहा कि कम विरोध प्रदर्शनों से पाकिस्तान में चरमपंथियों की संख्या कम हो रही है।

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09 May 2019, 16:19