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मणिपुर काथलिक स्कूल आगजनी के लिए छात्र दोषी

महाधर्माध्यक्ष का मानना है कि मणिपुर के काथलिक स्कूल में आगजनी छह महिला छात्रों के निलंबन का प्रतिशोध था।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, बुधवार 1 मई 2019 (उकान) : भारत में मणिपुर राज्य के काथलिकों ने कुछ छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई से नाराज होकर एक छात्रों का संगठन को संत जोसेफ स्कूल को जलाने का आरोप लगाया है। चंदेल जिले के सुगनू इलाके में स्थित संत जोसेफ स्कूल के सात कक्षाओं, एक रिकॉर्ड रूम और कार्यालय को 25 अप्रैल की रात को आग लगाकर नष्ट कर दिया गया। यह स्कूल इम्फाल महाधर्मप्रांत के अधीन कार्य करता है जो पूरे मणिपुर राज्य को कवर करता है।

इम्फाल के महाधर्माध्यक्ष दोमिनिक ल्यूमन ने उकान को बताया,  “हमारा मानना है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा नौंवी कक्षा की छः छात्राओं को अनुशासनहीनता के लिए निलंबित करने के प्रतिशोध में जलाया गया।”

 मामले की जांच कर रही पुलिस ने कहा कि उन्हें मणिपुर में प्रमुख पहाड़ी क्षेत्र कुकी जाति के छात्रों के एक शक्तिशाली कुकी छात्र संगठन (केएसओ) की भागीदारी पर संदेह है। राज्य पुलिस महानिरीक्षक, जयंत सिंह ने कहा कि संगठन के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने कहा कि केएसओ ने निलंबन रद्द करने की मांग की थी लेकिन स्कूल ने मना कर दिया। इसके परिणामस्वरूप छात्र संगठन ने स्कूल को 25 अप्रैल तक बंद करने के लिए कहा था। स्कूल अधिकारियों ने उनकी मांग को इनकार कर दिया, जिससे केएसओ नाराज हो गए और हमले को अंजाम दिया।

कई काथलिक समूहों ने 55 वर्षीय स्कूल में आगजनी के हमले की निंदा की है, जिसमें लगभग 1,400 छात्र पढ़ाई करते हैं।

मणिपुर काथलिक युवा संगठन के निदेशक फादर जेकब चपाओ ने कहा, "एक शैक्षणिक संस्थान पर बर्बरतापूर्ण कृत्य मानवता के खिलाफ बर्बरता थी।"

महाधर्माध्यक्ष ल्यूमन ने उकान को बताया,“हम नया स्कूल बना सकते हैं लेकिन हमारी समस्या यह है कि हम वर्षों में एकत्र किए गए छात्रों के रिकॉर्ड को कैसे प्राप्त करेंगे? ”

 यह मुद्दा तब शुरू हुआ जब एक शिक्षक ने एक लड़के को क्लास में च्यूइंग गम खाने के लिए अनुशासित किया। लड़के को डंडे से दो बार पीटा। एक लड़की ने जवाब दिया "यह बहुत ज्यादा है।" शिक्षक ने उसकी ओर मुड़कर उसे आठ बार पीट दिया।

अगले दिन उसके दोस्तों ने सोशल मीडिया पर इस घटना को पोस्ट किया और शिक्षक के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।

उनके माता-पिता को स्कूल बुलाया गया और पहला संदेश पोस्ट करने वाली लड़की को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया, जबकि अन्य पांच को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया गया।

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01 May 2019, 12:31