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15 साल की बच्ची पर धर्मपरिवर्तन एवं शादी का दबाव

ख्रीस्तीय लड़की नेहा ने बलात्कार और मारपीट का विरोध किया, लेकिन तब आत्मसमर्पण कर लिया जब अत्याचारियों ने उसके छोटे भाई को छत से फेंकने की धमकी दी। उसका पति उन्हें घर वापस लाना चाहता है और उसने इस्लाम धर्म के कानूनों का अपमान करने की शिकायत दर्ज कराई है। कलीसिया उनके परिवार की मदद कर रही है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

कराची, बृहस्पतिवार, 16 मई 2019 (रेई)˸ "यदि तुम धर्म-परिवर्तन नहीं करोगी, तो हम तुम्हारे भाई को छत से फेंक देंगे।" यह धमकी 15 साल की ख्रीस्तीय बालिका नेहा को इस्लाम धर्म अपनाने हेतु मजबूर करने के लिए दी गयी, जिसके बाद उसकी शादी 45 साल के एक मुस्लिम पुरूष से हुई, जो पहले से शादीशुदा था और तीन बच्चों के साथ था।

युवती ने अपनी पूरी ताकत से इसका विरोध किया, यहां तक कि हिंसक रूप से बलात्कार करने और पीटने के बाद भी। लेकिन अपने ढाई साल के भाई के मौत के डर ने उसे तोड़ दिया।

बाद में वह अपने पति की एक बेटी की मदद से भागने में सफल रही। वह अब अपना परिवार लौट गयी है तथा वहीँ रह रही है।

न्याय एवं शांति के लिए राष्ट्रीय आयोग के निदेशक फादर सालेह दियगो ने एशिया न्यूज से बातें करते हुए कहा, "हमें पूर्ण विश्वास है की न्याय मिलेगी। हमने प्रधानमंत्री इमरान खान से सभी परिस्थितियों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा तथा देश की शांति की याचना की है।"

शादी एवं धर्म परिवर्तन हेतु दबाव

नेहा, परवेज और जामिला मसीह की बेटी है। उसका जन्म 8 अक्टूबर 2003 को हुआ था। वह कराची के निकट इतिहाद शहर में रहती है। यह 28 अप्रैल की घटना है जब उसकी चाची सुंदास ने उसके माता-पिता से कुछ दिनों के लिए नेहा को अपने साथ ले जाने और अपने बीमार एवं अस्पताल में भर्ती बेटे की मदद के लिए, जिन्ना अस्पताल में रहने की अनुमति मांगी। नेहा के माता-पिता सहमत हो गये क्योंकि सुंदास, जो कुछ साल पहले मुहम्मद रेहान से शादी करके इस्लाम धर्म स्वीकार कर चुकी है, अभी भी एक विश्वास योग्य रिश्तेदार थी।

सुंदास, नेहा को अस्पताल ले जाने के बजाय, उसे अपने छोटे भाई के साथ घर ले गयी। वहाँ उनका इंतज़ार रेहान (सुंदास के पति) के भाई मोहम्मद इमरान और उसकी बहन अज़रा कर रहे थे। उन्होंने नेहा को प्रताड़ित किया और इमरान से शादी करने के लिए मजबूर किया। उसके इनकार करने पर, इमरान द्वारा पास के कमरे में ले जाकर बलात्कार किया गया; और फिर भी नेहा ने शादी करने से मना कर दिया। तब उसे धमकी दी गयी कि यदि वह धर्मपरिवर्तन नहीं करती और इमरान से शादी नहीं करती है, तो वे उसके भाई को छत से फेंक देंगे। इस धमकी पर नेहा मान गई।

दूसरे दिन लड़की को मौलाना के पास लिया गया जहाँ उसने इस्लाम धर्म अपना लिया। उसका नाम बदल कर फातिमा रखा गया तथा वहीं विवाह की रीति रस्म भी पूरी की गयी। तब नया पति उसे घर ले गया और सप्ताह भर अपनी वासना को तृप्त करने के लिए उसे मजबूर करता रहा। अंततः वह वहाँ भागकर अपने माता-पिता के पास घर लौटी। घर में उसकी कहानी सुनकर सब हैरान हो गये क्योंकि वे सोच रहे थे कि उसकी बेटी अभी तक अस्पताल में अपने चचेरे भाई के साथ है।

न्याय की मांग

परिवार ने शिकायत दर्ज करने की कोशिश की लेकिन पुलिस उसे सुनने से इन्कार कर दिया। उधर इमरान के परिवार ने भी लड़की के माता-पिता पर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करायी कि वे उसकी पत्नी को छिपाना चाहते हैं जो इस्लाम धर्म के नियम के खिलाफ है।

कलीसिया द्वारा सहायता

13 मई को पाकिस्तान की प्रोटेस्टंट कलीसिया के रेभ. गाजाला शफिक एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की सहायता से पुलिस ने शिकायत दर्ज की। शिकायत की गयी है कि 18 साल से कम उम्र की लड़की की शादी दण्डनीय है। नेहा को डर है कि यदि उसे पति के घर ले जाने के लिए मजबूर किया जाएगा तो कोई भी उसकी मदद नहीं कर पायेंगे। रेभ. गाजाला शफिक ने कहा कि हमें उसके करीब रहकर उसके लिए न्याय की मांग करनी है।

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16 May 2019, 17:03