कोच्ची में खजूर यात्रा कोच्ची में खजूर यात्रा  

कार्डिनल ग्रेसियस द्वारा खजूर रविवार को शांति पर संदेश

खजूर रविवार हम सभी को याद दिलाता है कि दुःख और अन्याय को कम करने के लिए हमें बहुत कुछ करना है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

मुंबई, सोमवार 15 अप्रैल 2019 (उकान) : मुंबई महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियस ने खजूर रविवार युखारीस्तीय समारोह के दौरान अपना प्रवचन येसु की शांति पर केंद्रित किया। खजूर रविवार से पवित्र सप्ताह की शुरुआत होती है और पास्का जागरण समारोह के साथ समाप्त होता है।

इस वर्ष के खजूर रविवार 14 अप्रैल को मनाया गया। इस दिन सभी ख्रीस्तीय अपनी पल्लियों में अपने हाथों में खजूर या जैतून की डालियाँ लिए येरूसलेम में येसु के विजयी प्रवेश की याद में होसन्ना भजन गाते हुए जुलूस किया।

चालीसा का अंतिम रविवार याने खजूर रविवार को येसु ख्रीस्त के दुखभोग का पूरा पाठ पढ़ा जाता है। यह पवित्र शुक्रवार की घटना की याद दिलाता है।

मुंबई के होली नेम स्कूल मैदान में कार्डिनल ग्रेसियस ने पवित्र मिस्सा समारोह का अनुष्ठान किया। अपने प्रवचन में कार्डिनल ने कहा कि चालीसा के पाँच रविवार में येसु के विभिन्न दृष्टांतों को सुना जो हमें अपने पापों और गलत मार्ग को छोड़, ईश्वर के अनंत प्रेम और दया की ओर बढ़ने की शिक्षा देती है।

कार्डिनल ने कहा कि येसु के समय में, सैनिक घोड़े पर सवार होकर आते थे इसका मतलब था कि वे जीतने या पराजित करने आते थे। परंतु येसु का गधे पर सवार होकर येरुसलेम में प्रवेश करने का मतलब था कि वे शांति से आये थे। येसु शांति का संदेश देने ही इस जगत में आये थे, ईश्वर के साथ शांति, खुद के साथ शांति, प्रकृति के साथ शांति, सभी लोगों के साथ शांति।” कार्डिनल ग्रेसियस ने सभी को येसु की शांति के संदेश को आगे ले जाने हेतु प्रेरित किया।  

अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि येसु की दुखभोग कथा एक अनुस्मारक है और हर एक को प्रभु के साथ क्रूस यात्रा करने के लिए आमंत्रित करती है।

कार्डिनल ने कहा कि पवित्र सप्ताह, पवित्र गुरुवार और पुण्य शुक्रवार की पूजन विधि के साथ पास्का जागरण समारोह की ओर अग्रसर होता है, जो हमें अपना हृदय परिवर्तन कर नया इन्सान बनने का आह्वान देता है साथ ही अन्याय और उन सभी चीजों के प्रति अपनी आवाज उठाना जो किसी भी तरह से जीवन के लिए खतरनाक है।

उन्होंने कहा, "यह दिन हम सभी को याद दिलाता है कि दुःख और अन्याय को कम करने के लिए हमें बहुत कुछ करना है।

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15 April 2019, 16:25