पीडितों का दफन क्रिया पीडितों का दफन क्रिया 

श्रीलंका के प्रति धर्माध्यक्षों की एकात्मकता

श्रीलंका में पास्का रविवार को हुए बम विस्फोट के प्रति एशिया के धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ के अध्यक्ष और भारतीय काथलिक कलीसिया एवं धर्माध्यक्षों ने भी अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

कोलम्बो, मंगलवार 23 अप्रैल 2019 (वाटिकन न्यूज) :  श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए लगातार आठ बम विस्फोटों के सदमे से उभर पाना श्रीलंकावासियों के लिए बहुत ही कठिन है। देश विदेश से व्यक्तिगत और संस्थागत एकात्मकता के संदेश आना जारी है। अब तक की खबर अनुसार करीब 290 लोगों की मौत हुई है और करीब 500 से ज्यादा लोग घायल हैं। कुछ लोगों की हालत बहुत गंभीर बताई जा रही है।

एशिया के धर्माध्यक्ष

एशिया के धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ (एफएबीसी) के अध्यक्ष, म्यांमार के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल चार्ल्स बो ने कार्डिनल रंजीत को पत्र लिखकर संवेदना प्रकट की। “इस त्रासदी पर मैं अपनी गंभीर पीड़ा व्यक्त करता हूँ, उस दिन जब हम मृत्यु पर जीवन की जीत तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मना रहे थे तभी इस त्रासदी ने अनेक निर्दोष लोगों की जानें ले ली।”  

यंगून के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल बो ने कहा, “मैं इस संवेदनाहीन हिंसा के सभी पीड़ितों के लिए अपनी दीन प्रार्थना करता हूँ,साथ ही घायलों की देखभाल करने वालों और राहत कार्य में लगे सभी लोगों के लिए भी प्रार्थना करता हूँ।”

कार्डिनल ने कहा, "हमें डर और संदेह की स्थिति को स्थिर करने में मदद करने के लिए तथा सभी अच्छे लोगों की इच्छा को मजबूत करने के लिए, आशा और शांति के राजकुमार, दया सागर पुनर्जीवित प्रभु येसु से प्रार्थना करने की जरूरत है।”

एशिया के 19 धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ के अध्यक्ष ने श्रीलंका के विश्वासियों और धर्माध्यक्षों के लिए प्रार्थना का आश्वासन दिया।

भारतीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन

पास्का रविवार को हुए बम विस्फोट के प्रति भारतीय काथलिक कलीसिया और धर्माध्यक्षों ने भी अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष, मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ओस्वाल्ड ग्रेसियस ने कार्डिनल माल्कम रंजीत को पत्र लिखा कि भारतीय कलीसिया विस्फोट की खबर सुनकर बहुत ही दुखी और सदमें में है।

कार्डिनल ग्रेसियस ने लिखा, "हम पीड़ितों के परिवारों और बम विस्फोटों से बचे जख्मी लोगों के साथ अपनी प्रार्थनापूर्ण एकात्मकता प्रकट करते हैं," पुनरुत्थान की आशा के इस महान पर्व पर, श्रीलंका में हमारे भाई-बहन इस संवेदनहीन हिंसा से तबाह हो गए हैं। हम जी उठे प्रभु येसु से शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।”

श्रीलंका में पूरी आबादी 20 मिलियन का 70% बौध, 12.6 %  हिन्दू, 9.7% मुस्लिम और 6% याने 1.5 मिलियन ख्रीस्तीय हैं जो ज्यादातर काथलिक हैं।

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23 April 2019, 15:03