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कंधमाल में सभा कंधमाल में सभा 

धर्माध्यक्षीय सम्मेलन में कंधमाल के ताजा विकल्पों पर चर्चा

नई दिल्ली सीबीसीआइ मुख्यालय में उड़ीसा उच्च न्यायालय द्वारा 4 दिसंबर, 2018 को सात लोगों के जमानत याचिका को खारिज करने के बाद आयोजित की गई थी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

  नई दिल्ली, शनिवार 2 फऱवरी,2019 (मैटर्स इंडिया) :  भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने कंधमाल में हुए दस साल पहले एक हिंदू धार्मिक नेता की हत्या के दोषी सात "निर्दोष" ख्रीस्तियों के लिए नए कानूनी विकल्प की तलाश में हिंसा के बचे हुए लोगों के समर्थकों को एक साथ लाया।

नई दिल्ली सीबीसीआइ मुख्यालय में 29 जनवरी की बैठक उड़ीसा उच्च न्यायालय द्वारा 4 दिसंबर, 2018 को सात लोगों के जमानत याचिका को खारिज करने के बाद आयोजित की गई थी।

राष्ट्रीय परामर्श में कंधमाल में स्थिति और ओडिशा राज्य के जिले में 2008 की सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित मामलों पर भी चर्चा की गई। जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे, हजारों ईसाई घरों और गिरजाघरों को नुकसान पहुँचा और दस हजार से ज्यादा ख्रीस्तियों को अपने गाँव से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा शरणार्थी शिविरों में रहना पड़ा था।

सीबीसीआइ महासचिव के विचार

सीबीसीआइ  के महासचिव धर्माध्यक्ष थियोडोर मस्करेन्हास ने सीबीसीआइ अध्यक्ष कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसियास की ओर से सभा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कटक-भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष जॉन बरवा के अनुरोध पर यह सभा आयोजित की गई। वे विशेष रुप से स्वामी लक्ष्मणानंद की हत्या के झूठे आरोप पर सात लोगों को जमानत देने से इनकार करने के बाद कंधमाल में कलीसिया के हस्तक्षेप की समीक्षा करना चाहते थे।

कटक-भुवनेश्वर महाधर्मप्रांत कंधमाल जिले को कवर करता है।

महाधर्माध्यक्ष बरवा, वकील फादर दिब्या सिंह पारिख और अन्य कार्यकर्ताओं ने कंधमाल हिंसा से बचे लोगों के लिए कानूनी न्याय हेतु नए प्रयासों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

धर्माध्यक्ष मस्करेन्हास ने सात लोगों के मामलों और अन्य बचे लोगों के मुआवजे के लिए प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना करते हुए धैर्य और दृढ़ता की आवश्यकता को रेखांकित किया।

धर्माध्यक्ष मस्करेन्हास ने कहा, "हम जो भी कदम उठाते हैं, वह पीड़ितों को न्याय दिलाने के पक्ष में होना चाहिए, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पुराने घाव फिर से नहीं खुले  और हमारा अंतिम उद्देश्य पूर्ण सामंजस्य के लिए काम करना और शांति और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना है।

 प्रतिभागियों के विचार

प्रतिभागियों ने काथलिक कलीसिया से काथलिक शहीदों के संत प्रकरण को तेजी से आगे बढाने का आग्रह किया और कहा कि कलीसियाओं की विश्व संगठन अपनी प्रक्रियाओं के माध्यम से अन्य ईसाई शहीदों के मामलों को देखेगी। इस तरह के कदम से कंधमाल क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

इसी तरह, बैठक में उपलब्ध साक्ष्यों की दृढ़ता के अनुसार मामलों को प्राथमिकता देने का भी सुझाव दिया गया।

कंधमाल के बचे लोगों के लिए कानूनी लड़ाई का नेतृत्व करने वाले प्रतिष्ठित वकीलों में से एक प्रसिद्ध वकील और कार्यकर्ता वृंदा ग्रोव ने काम को सुव्यवस्थित करने और वकीलों के बीच फिजूलखर्ची से बचने के लिए इसे एक समन्वय प्राधिकरण के तहत लाने का अनुरोध किया।

धर्माध्यक्ष मस्करेन्हास ने ग्रोवर, जॉन दयाल, कॉलिन गोंसाल्वेस, रेबेका जॉन और पत्रकार एंटो अक्करा जैसे कंधमाल समर्थकों को धन्यवाद दिया, जो "बहुत साहस और दृढ़ संकल्प के साथ मामले के राजनीतिक और सांप्रदायिक स्थिति की जांच कर रहे हैं।"

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02 February 2019, 14:43