भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की सभा का उद्घाटन भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की सभा का उद्घाटन 

भारत के प्रेरितिक राजदूत ने कलीसिया से अपील की

भारत के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष जोमबपतिस्ता दीक्वात्रो ने भारत की कलीसिया से अपील की है कि वह मानवीय आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान दे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

8 जनवरी को लातीनी रीति के भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की 31वीं सभा का उद्घाटन करते हुए भारत के प्रेरितिक राजदूत ने कहा, "जरूरत है कि कलीसिया मानवता की आवश्यकता पर ध्यान दे, जो सुसमाचार को जीते हुए कलीसिया का आनन्द है।"

उन्होंने कहा, "यह सभा भारत में कलीसिया के अधिकारियों का मिलन नहीं है बल्कि देश को साक्ष्य देना है। हमारी एकता, सहयोग एवं एकजुटता देश को प्रमाणित करे कि हम अपने जीवन से सुसमाचार के आनन्द का साक्ष्य देते हैं।"

सुसमाचार का प्रचार एवं मिशन प्यार से भरा हुआ

कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेशियस ने अपने सम्बोधन में भारत की कलीसिया से आग्रह किया कि वह सुसमाचार के प्रचार एवं मिशन को प्यार से भरा हुआ बनाये।

सम्मेलन के महासचिव महाधर्माध्यक्ष अनिल कुटो ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़कर सुना। उन्होंने सम्मेलन के नये सदस्यों का परिचय दिया तथा सम्मेलन से सेवानिवृत होने वालों की भी जानकारी दी।

सम्मेलन के उपाध्यक्ष, मद्रास मैलापूर के महाधर्माध्यक्ष जॉर्ज अंतोनीसामी ने संत पापा फ्राँसिस एवं लोकधर्मियों के सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष कार्डिनल फेरनांदो फिलोनी के संदेश को पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि भारत को कलीसिया की आवश्यकता है और कलीसिया को भारत की।

सभा का उद्घाटन  

सभा का उद्घाटन दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया। चिंगलेपुट के धर्माध्यक्ष ए. नीथिनाथन ने अपने स्वागत भाषण में बतलाया कि चिंगलेपुट सभा के लिए क्यों उपयुक्त स्थान है। उन्होंने कहा कि यह भारत के प्रेरित संत थॉमस की पुण्य भूमि है।  

सात दिवसीय इस सभा में "सुसमाचार के आनन्द" पर बहस किया जाएगा तथा सुसमाचार प्रचार के नये तरीकों एवं साधनों पर विचार किया जाएगा। सभा में भारत की काथलिक कलीसिया को प्रभावित करने वाली बातों पर भी गौर किया जाएगा।

भारत की लातीनी रीति की कलीसिया में 132 धर्मप्रांत और 189 धर्माध्यक्ष हैं। यह सम्मेलन एशिया में सबसे बड़ा और विश्व में चौथा सबसे बड़ा धर्माध्यक्षीय सम्मेलन है।

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10 January 2019, 13:40