खोज

माता मरियम की तस्वीर एवं रोजरी माता मरियम की तस्वीर एवं रोजरी 

विश्व युवा दिवस के लिए बेतलेहेम के ख्रीस्तियों की रोजरी

बेतलेहेम के ख्रीस्तीय कारीगरों द्वारा निर्मित एक लाख रोजरीमाला पनामा में विश्व युवा दिवस के प्रतिभागियों को भेंट की जायेगी।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

काथलिक उदारता संगठन, "जरूरत में कलीसिया की सहायता" (एड टू द चर्च इन नीड) की मदद से येसु के जन्म स्थान के ख्रीस्तीय समुदाय ने यह कदम उठाया है जो आर्थिक तंगी के कारण घट रही है।

"जरूरत में कलीसिया की सहायता" (एसीएन) के इस कार्य की सराहना करते हुए पनामा के महाधर्माध्यक्ष जोश डोमिंगो ने कहा, "यह पहल महत्वपूर्ण हैं क्योंकि एक ओर यह प्रार्थना करने का प्रोत्साहन देती है, वहीं दूसरी ओर पवित्र भूमि में हमारे भाई बहनों को सहायता प्रदान करती है।"

एसीएन ने एक लाख रोजरी माला के लिए कुल 1 लाख यूरो प्रदान किया है जिसे विश्व युवा दिवस में भाग लेने वाले युवाओं को भेंट किया जाएगा जो 22 से 27 जनवरी तक विश्व युवा दिवस में भाग ले रहे हैं।

बेथलहम के ईसाई कारीगरों द्वारा बनाई गई मालाएं पनामा विश्व युवा दिवस  की विषयवस्तु के अनुरूप हैं, "मैं प्रभु की दासी हूँ, आपका कथन मुझ में पूरा हो।" (लूक. 1:38).

बेतलेहेम के ख्रीस्तियों की कठिन परिस्थिति

इटली में एसीएन के निदेशक आलेसांद्रो मोंतेदूरो ने कहा, "यह अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपहार है क्योंकि विश्व युवा दिवस के ये रोजरीमाला बेतलेहेम के कारीगरों द्वारा बनायें गये हैं जो येसु के जन्म स्थल में ख्रीस्तियों की उपस्थिति को प्रोत्साहन देता है और इस योजना के द्वारा उन्हें सहायता भी मिली है।   

आर्थिक तंगी एवं बेरोजगारी की बड़ी समस्या के कारण ख्रीस्तीय जो अधिकतर पर्यटन विभाग में हैं उन्हें बढ़ते संकट का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण 3,50,000 ख्रीस्तियों ने विगत 70 सालों में बेतलेहेम छोड़ दिया है। यहाँ पवित्र वस्तुओं का उत्पादन ही जीविका का एकमात्र सहारा प्रतीत होता है।

मोंतेदूरों ने कहा कि पंद्रहवीं शताब्दी में फ्रांसिस्कन पुरोहितों द्वारा पवित्र भूमि पर लाए गए जैतून की लकड़ी में कलाकृतियां बनाने की कला स्थानीय ईसाइयों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता है जो अपने शिल्प के माध्यम से अपना विश्वास व्यक्त करते हैं।

बेतलेहेम के करीब 200 परिवारों ने कई महीनों तक काम कर विश्व युवा दिवस के लिए एक लाख रोजरी तैयार किया है। मोन्तेदूरो ने कहा कि वे इस सहायता के लिए कृतज्ञ हैं किन्तु सबसे बढ़कर वे इस बात को जानकर खुश हैं कि लाखों युवा उन रोजरी मालाओं का प्रयोग कर शांति के लिए प्रार्थना करेंगे।

एड टू द चर्च इन नीड अंतरराष्ट्रीय परमधर्मपीठीय काथलिक उदारता संगठन है जो विश्वभर के अत्याचार से पीड़ित ख्रीस्तियों की मदद करता है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

22 January 2019, 16:51