भारत के ख्रीस्तीय भारत के ख्रीस्तीय 

ख्रीस्तियों पर झूठे आरोपों को वापस लेने का सरकार द्वारा आश्वासन

डॉ. फादर आनन्द मुतुन्गल के नेतृत्व में राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के एक दल ने 18 जनवरी को मध्यप्रदेश के कॉन्ग्रेस पार्टी के मंत्री पी सी शर्मा से मुलाकात की तथा मांग की कि ख्रीस्तियों के खिलाफ जबरन धर्म-परिवर्तन के झूठे और मनगढ़ंत मामले वापस लिये जाएँ।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

शर्मा से मुलाकात करने के बाद फादर मुतुन्गल ने दावा किया है कि मंत्री ने उन्हें आरोपों को वापस लेने का आश्वासन दिया है।

फादर मुतुन्गल ने कहा, "हमने उन्हें संक्षिप्त जानकारी दी कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने धर्मांतरण का आरोप लगाकर ख्रीस्तीयों पर अत्याचार किया तथा यह मानते हुए कि ख्रीस्तीयों को कॉन्ग्रेस का समर्थन प्राप्त है उनसे बदला देने की कोशिश की है।"  

उन्होंने कहा, "ख्रीस्तियों पर कई आरोप दर्ज किये गये हैं किन्तु एक भी मामला को अदालत में प्रमाणित नहीं किया जा सका है।"

बीजेपी एवं राईट विंग संगठन मानते हैं कि ख्रीस्तीय और ख्रीस्तियों के कार्य के लाभार्थी कॉन्ग्रेस का समर्थन करते हैं, अतः उन्होंने ख्रीस्तीय गतिविधियों को हर दृष्टिकोण से रोकने का प्रयास किया है।

राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के प्रवक्ता रिचार्ड जेम्स ने जानकारी दी कि राज्य में बीजेपी सरकार के 15 वर्षों के शासनकाल में ख्रीस्तियों पर 264 मामले दर्ज किये गये थे। बीजेपी का समर्थन करनेवाले संगठन ने पुलिस एवं प्रशासन का सहारा लेकर समाज सेवा, शिक्षा एवं धर्म मानने के क्षेत्र में ख्रीस्तियों पर अत्याचार किया है।

उन्होंने कहा कि ख्रीस्तियों को रोकने के लिए बल प्रयोग किया गया तथा गरीबों के लिए किये जा रहे कार्यों को रोका गया। राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के राज्य सचिव ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के सभी अधिकारियों एवं विभिन्न कलीसियाओं के धर्मगुरूओं को लिखा है कि वे पीड़ितों की मदद करें तथा सरकार के लाभ का फायदा उठाएं।

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22 January 2019, 16:40