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कंधमाल के शहीद कंधमाल के शहीद 

अल्पसंख्यकों पर हमला शर्मनाक, स्वामी अग्नवेश

प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और आर्य समाज के नेता, स्वामी अग्निवेश ने 12 जनवरी को कोझीकोड में एक दस्तावेज जारी करते समय, ओडिशा के कंधमाल में ख्रीस्तियों पर हुए अत्याचारों को 'राष्ट्र के लिए शर्मनाक' कहा, जिसमें उन्होंने संघ परिवार की धोखाधड़ी और देश के न्यायिक कार्य को उजागर किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वरिष्ठ पत्रकार एंटो अकारा द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री "निरापराडिकल थडावराइल" (निर्दोष कैदी) का मलयालम संस्करण जारी किये जाने के अवसर पर, अग्निवेश जिन्होंने 1984 में दिल्ली में सिख विरोधी नरसंहार का विरोध किया था। 1999 में ओडिशा में ग्राहम स्टेंस और उनके दो नाबालिग बेटों पर हमले और 2002 में गुजरात में मुसलमानों के नरसंहार की भी निंदा की थी, उन्होंने कहा, "कंधमाल में जो हुआ उसके लिए एक भारतीय के रूप में मैं शर्मिंदा हूँ।"

अग्निवेश ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि ख्रीस्तीयों पर क्रूर हमले के बाद सात निर्दोष ख्रीस्तीयों को जेल में डाला गया जो अब दस साल हो चुका है। मैंने जेल में कैद इन लोगों की पत्नियों से मुलाकात की और मुझे समझ में नहीं आया कि उन्हें क्यों जेल में रखा गया है।

उन्होंने कहा कि यह अत्यन्त शर्मनाक है कि निर्दोषों को जेल में बंद किया गया है जबकि दोषी मुक्त रूप से विचरण कर रहे हैं तथा प्रमुख षड्यंत्रकारी अधिकार की शक्तिशाली कुर्सियों पर हैं। यह सिर्फ इसलिए क्योंकि न्यायपालिका संघ परिवार का समर्थन करती है। किन्तु अब न्यायपालिका को चुनौती देने का समय आ गया है।

"निरापराडिकाल थडावरायइल" अकारा द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंटरी "निर्दोष कैदी" का मलयालम डबिंग है, जो कंधमाल की 10वीं वर्षगांठ पर, अपनी अनुसंधान की पुस्तकों और वकालत के साथ कंधमाल के लोगों के लिए एक आवाज है।

भुवनेश्वर के जेल में बंद निर्दोषों की पत्नियों द्वारा उसका ओडिया संस्करण जारी किया गया था और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग द्वारा हिंदी संस्करण दिल्ली विधानसभा सभागार में जारी किया गया था।

अकारा ने डोक्यूमेंटरी में कहा है कि साजिश स्वामी लक्ष्मणानंद के उस घिनौने दावे पर आधारित है जिसमें उन्होंने कहा था कि यूरोप, अमेरिका, पोप और सोनिया गांधी उन्हें खत्म करना चाहते थे। सबूत के रूप में स्वामी के इस दावे के साथ संघ परिवार ने कंधमाल की साजिश रची।

"निर्दोष कैदी" कंधमाल धोखाधड़ी और न्याय के उपहास का दृश्य प्रस्तुति है, जो अकारा की राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित पुस्तक "हू किल्ड स्वामी लक्ष्मणानंद" में उजागर हुई है।

सभी चार संस्करण के डोक्यूमेंट (हिन्दी, अंग्रेजी, ओड़िया एवं मलयालम) वेबसाईट www.release7innocents.com में उपलब्ध है।

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15 January 2019, 16:15