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 धर्मबहन सिसिलिया मरिया रोसजक धर्मबहन सिसिलिया मरिया रोसजक 

यहूदियों को बचाने वाली धर्मबहन की मौत पर शोक

पोलैंड वासियों ने यहूदियों को बचाने वाली दुनिया की सबसे बुजुर्ग धर्मबहन सिसिलिया मरिया रोसजक को उनकी उदारता और दयालुता की याद करते हुए उनकी मृत्यु पर शोक प्रकट किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 24 नवम्बर 2018 (वाटिकन रेडियो, रेई) : पोलैंड की सबसे बुजुर्ग धर्मबहन जो नाजी शासन काल में अनेक यहूदियों की जान बचाने के लिए जानी जाती थी, गत सप्ताह 110 वर्ष की उम्र में प्रभु को प्यारी हो गई। पोलैंड की कलीसिया एवं देशवासियों ने धर्मबहन सिसिलिया मरिया रोसजक को उनकी उदारता और दयालुता की याद दिलाते हुए उनके लिए शोक प्रकट किया।  

हजारों की संख्या में एकत्रित क्राकोव शहर में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके कॉन्वेंट की सुपीरियर सिस्टर  स्टेनस्लावा ने कहा कि सिस्टर सिसिलिया अक्सर कहती थी कि "जीवन अद्भुत है, हालांकि, बहुत छोटा है।" अंतिम संस्कार का मिस्सा गुरुवार को क्राकोव स्थित दोमिनिक धर्महनों के गिरजाघर में संपन्न हुआ। सिस्टर सिसिलिया के पार्थिव शरीर को शहर के ऐतिहासिक राकोवी कब्रिस्तान में दफनाया गया।

सिस्टर सिसिलिया का जन्म 25 मार्च 1908 में हुआ था। 21 वर्ष की उम्र में उन्होंने धर्मसमाज में प्रवेश किया। द्वितीय विश्व युद्ध में पोलैंड में जर्मन कब्जे के दौरान, जब वे 30 के दशक में थीं, तो कई धर्मबहनों के साथ लिथुआनिया के विल्नीयुस के पास एक नया कॉन्वेंट स्थापित किया था।

यहूदी हिंसा

यह वह समय था जब जर्मनी और नाजी कब्जे वाले यूरोप के यहूदियों पर हिंसा शुरु हुई। उन्हें उन्मूलन शिविरों में ले जाया गया, जहां उन्हें घायल कर दिया गया, उन्हें गोली मार दी गई। श्रमिक शिविरों में दुर्व्यवहार किया गया या मृत्यु तक उन्हें भूखा रखा गया।

हालांकि, कुछ यहूदियों को धर्मबहन सिसिलिया ने बचा लिया था। एक महिला, वांडा जेरज़िनिएक ने अंतिम संस्कार में एक विशाल गुलदस्ता भेजा। 1944 में विल्नीयस में जर्मनों ने उनके माता-पिता को गोली मार दी। धर्मबहन सेसिलिया ने अपने भाई के साथ महिला को आश्रय दिया था।

पोलैंड के रोमन काथलिक कलीसिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि धर्मबहन सिसिलिया शायद "दुनिया में सबसे बुजुर्ग धर्बहन" थीं। धर्मबहन सेसिलिया मारिया अपने वफादार कृत्यों के कारण अमर हो गई हैं।

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24 November 2018, 17:30