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सिनॉड में भाग लेते युवा सिनॉड में भाग लेते युवा 

कलीसिया से भारत के युवाओं की आशा

भारत के काथलिक युवा आंदोलन के अध्यक्ष पेरसिवाल हॉल्ट ने 16 अक्टूबर को धर्माध्यक्षीय धर्मसभा को सम्बोधित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

पेरसिवाल हॉल्ट ने कहा कि भारत के काथलिक युवा नाज़ुक तथा पापी व्यक्ति की तरह हैं वे जीवित जलस्रोत की तलाश कर रहे हैं। वे कलीसिया के अधिकारियों से विश्वास को जीते हुए, सच्ची प्रेरणा की अपील करते हैं तथा आग्रह करते हैं कि उन्हें कलीसिया के मिशन को अनुभव करने एवं समुदायों का निर्माण करने हेतु अवसर तथा स्थान प्रदान किया जाए।  3 – 28 अक्टूबर तक जारी सिनॉड की विषयवस्तु है, "युवा, विश्वास तथा बुलाहटीय आत्मजाँच।"

25 वर्षीय हॉल्ट विश्व भर से सिनॉड में भाग ले रहे 34 युवा प्रतिनिधियों में से एक हैं जो वाटिकन के धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में एक श्रोता के रूप में भाग ले रहे हैं। उन्हें सिनॉड के धर्माचार्यों  की तरह वोट करने का अधिकार नहीं है।

प्रेरणादायक पुरोहितों का अभाव

उन्होंने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं क्योंकि उन्हें एक अच्छा मार्गदर्शक मिला, जिन्होंने उन्हें ख्रीस्त एवं उनकी कलीसिया के साथ प्रेम करना सिखलाया तथा अपनी बुलाहट में आत्मपरख करने में सहायता दी। जबकि कई युवा भटक गये क्योंकि उन्हें सही मार्गदर्शक नहीं मिले।

भारत के काथलिक युवा अध्यक्ष के अनुसार कई पुरोहितों का उदाहरण लोकधर्मियों से भी कमजोर है। वे केवल धर्मविधि के अनुष्ठाता रह गये हैं। उन्होंने कहा कि पुरोहितों को युवाओं की मानसिकता को समझते हुए उनकी चुनौतियों का सामना करने में मदद देना एवं उन्हें निखरने में सहयोग देना चाहिए। 

कलीसिया दिशा-निर्देश देने में लज्जित

हॉल्ट ने भारत की उन चुनौतीपूर्ण परिस्थियों का जिक्र किया जिसमें युवा बढ़ रहे हैं। जीवन में सफलता शिक्षा में अत्यधिक प्रतिस्पर्धा तथा कैरियर से तय होती है जो कई युवाओं को हताश, निराश तथा मानसिक रूप से परेशान कर देता है इसके कारण कई युवा विस्थापन के लिए मजबूर हो जाते हैं। राजनीतिक अराजकता है, भ्रष्टाचार एवं सामुदायिक असामंजस्य, परिस्थिति को अधिक जटिल बना रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि पारंपरिक शिक्षाओं और जीवनशैली की इस भ्रमित स्थिति में, कलीसिया भारतीय युवाओं को प्रमाणिक अभिव्यक्ति तथा स्पष्टीकरण देने में लज्जा महसूस करती है। युवाओं के लिए अधिक खुले स्थान एवं अवसरों की आवश्यकता है ताकि वे समुदायों का निर्माण कर सकें तथा कलीसिया के मिशन में सम्मिलित हो सकें। जैसा कि येसु ने अपने शिष्यों को मिशन के लिए भेजा था।

हॉल्ट ने मुम्बई महाधर्मप्रांत के दो पल्लियों की याद की जिन्होंने गिरजाघर के निर्माण कार्य को पूरी तरह युवा क्लब को सौंप दिया है। युवा न केवल कार्यों को निर्देश देते हैं किन्तु वे फंड जमा करने तथा उनका हिसाब रखने का काम भी करते हैं।  

दो प्रस्ताव

आइसीवाईएम के अध्यक्ष ने दो प्रस्ताव रखे। पहला कि राष्ट्रीय स्तर पर सिनॉड आयोजित किया जाए ताकि वाटिकन सिनॉड की बातों पर बहस किया जा सके तथा देश में युवा प्रेरिताई के लिए राष्ट्रीय प्रेरितिक योजनाओं को बढ़ाने में मदद दिया जा सके। 

दूसरा कि युवाओं के नेतृत्व में पल्लियों एवं संस्थाओं में एक युवा मंच का निर्माण किया जाए उसके पूर्ण गठन हेतु याजक उनका मार्गदर्शन करें। 

 

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18 October 2018, 16:48