खोज

न्यूयोर्क  का बेघर गरीब व्यक्ति न्यूयोर्क का बेघर गरीब व्यक्ति 

अमेरिकी काथलिक और बौद्धों द्वारा गरीब बेघर लोगों की मदद

तीन अमेरिकी शहरों में गरीब और बेघर लोगों के लिए ‘हरे सस्ते घरों की योजना’ काथलिकों और बौद्धों को एकजुट कर रहा है। ब्रुकलिन के धर्माध्यक्ष निकोलस डिमारोजियो के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने वाटिकन का दौरा किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

ब्रुकलिन, शनिवार, 14 सितम्बर 2018 (वाटिकन न्यूज) : संयुक्त राज्य अमेरिका के काथलिक और बौद्ध नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस हफ्ते वाटिकन का दौरा किया ताकि गरीबी और बेघरता का सामना करने वाले शहर-निवासियों को मदद देने की पहल को बढ़ावा मिल सके।

‘हरे सस्ते घरों की योजना’ ब्रुकलिन, शिकागो और लॉस एंजिल्स में बेघर लोगों और कम आय वाले बुजुर्गों के लिए पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ भवन प्रदान करना चाहती है।

अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद् ने स्वर्गीय कार्डिनल जीन-लुई तौरान के सम्मान में परियोजना प्रतिनिधियों को रोम आमंत्रित किया।

ब्रुकलिन के धर्माध्यक्ष निकोलस डिमारोजियो ने अंतरधार्मिक समूह का नेतृत्व किया। ‘हरे सस्ते घरों की योजना’ की पहल के बारे में उन्होंने वाटिकन न्यूज के संवाददाता डेविन वाटकिंस से बातें कीं।

कार्डिनल तौरान का प्रस्ताव

धर्माध्यक्ष डिमारोजियो ने कहा,“ ‘हरे सस्ते घरों की योजना’ संत पापा के प्रेरितिक विश्व पत्र ‘लाउदातो सी’ की भावना को उजागार करती है"। यह प्रस्ताव मरने से पहले कार्डिनल तौरान से आया था। "

उन्होंने कहा कि कार्डिनल तौरान का इरादा प्रेरितिक विश्व पत्र की शिक्षा से प्रेरित बौद्धों और काथलिकों को परियोजना में सहयोग देने हेतु प्रेरित करना था। धर्माध्यक्ष डिमारोजियो ने कहा कि स्वर्गीय कार्डिनल की उम्मीद थी कि यह परियोजना "गरीबी में रहने वाले लोगों", विशेष रूप से बेघर और विकलांग लोगों को सहायता प्रदान करेगी। सौर पैनल, कुछ अन्य प्रकार की ऊर्जा बचत उपकरण और घरों के छत पर उद्यान  परियोजनाओं को "हरा" बना देगी।

अंतरधार्मिक सेवा परियोजना

तीनों शहरों में बौद्ध नेता सेवा-उन्मुख पहल में भाग लेंगे, जिससे यह अंतरधार्मिक वार्ता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन जाएगा। अंतरधार्मिक वार्ता के चार मुख्य तत्व-आध्यात्मिक, सामाजिक, सेवा और धार्मिक सिद्धांत हैं।

धर्माध्यक्ष डिमारोजियो ने कहा कि काथलिक प्रशासनिक कार्यों, जैसे निर्माण और वित्त पोषण आदि का जिम्मा लेंगे और बौद्ध "परियोजनाओं में कुछ पूरक सहायता देंगे।" घरों में मनन-ध्यान कक्ष होंगे। उन्होंने कहा, "वे यहाँ आकर मनन-ध्यान करना सीख सकते हैं और वे व्यक्तिगत रुप से अपना योगदान दे सकते हैं।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

14 September 2018, 15:49