खोज

पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री इमरान खान 

पाकिस्तान की नई सरकार से अल्पसंख्यकों के लिए मंत्रालय की मांग

पाकिस्तान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने इमरान खान की सरकार को शुभकामनाएं दी। धर्माध्यक्ष अर्शाद के अनुसार पाकिस्तान जितना बहुमत का है उतना ही अल्पसंख्यकों का भी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

लाहौर, सोमवार 10 सितम्बर 2018 (एशिया न्यूज) : पाकिस्तान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के न्याय और शांति हेतु गठित राष्ट्रीय आयोग(एनसीजेपी) ने अल्पसंख्यकों के लिए मंत्रालय की स्थापना के लिए इमरान खान की नई सरकार से मुलाकात की है। शनिवार को जारी एक बयान में, धर्माध्यक्षों ने श्री खान को अपनी शुभकामनाएं भी दीं, जिन्होंने जुलाई में संसदीय चुनाव जीते थे।

एनसीजेपी अध्यक्ष धर्माध्यक्ष जोसेफ अर्शाद, राष्ट्रीय निदेशक फादर इमानुअल यूसुफ और कार्यकारी निदेशक सेसिल चौधरी ने इस बयान पर हस्ताक्षर किए। बयान में, एनसीजेपी के शीर्ष अधिकारियों ने सरकार से "विचारों की आजादी को बढ़ावा देने, भ्रष्टाचार को खत्म करने और पाकिस्तान में धार्मिक भेदभाव को रोकने" को कहा है।

अल्पसंख्यकों के लिए मंत्रालय का निर्माण

आयोग ने सफल लोकतांत्रिक संक्रमण के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की और रेखांकित किया कि अल्पसंख्यकों के लिए अधिकतम राजनीतिक प्रतिनिधित्व की गारंटी हेतु अल्पसंख्यकों के लिए मंत्रालय का निर्माण दोनों प्रांतीय और संघीय स्तरों पर की जाये।

धर्माध्यक्ष अर्शाद ने कहा, "सरकार की पहली ज़िम्मेदारी अल्पसंख्यकों की रक्षा करना है।" उनके विचार में, " पाकिस्तान जितना बहुमत का है उतना ही अल्पसंख्यकों का भी।" साथ ही, "हम हर निर्वाचित सरकार के साथ देश की प्रगति और शांति के लिए सहयोग देंगे।" फादर यूसुफ के अनुसार, सरकार को "लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करना, कानून के शासन को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण पर विशेष ध्यान देना चाहिए"।

मूल्य वृद्धि में आरक्षण 

एनसीजेपी के बयान में उदारवादी कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक नेताओं की बढ़ती चिंताओं को उजागर किया गया है। वास्तव में, कई लोगों ने मूल्य वृद्धि में आरक्षण व्यक्त किया है। बिजली की खपत बढ़ रही है। करों में वृद्धि हुई है, घरेलू गैस की लागत में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।" नई सरकार में अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व की अनुपस्थिति है और विज्ञापन में ख्रीस्तियों को कचड़ा जमा करने वालों के रुप में दर्शाया गया है।

पाकिस्तान अल्पसंख्यक शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर अंजुम जेम्स पॉल ने "विशेष रूप से ख्रीस्तियों के विज्ञापनों के मुद्दे पर कहा, "ख्रीस्तियों को उनके मूल मानवाधिकारों से वंचित कर दिया गया है। जब हम पढ़ते हैं कि ख्रीस्तियों के लिए एकमात्र नौकरी [सड़कों] को साफ करना है, तो हमारा दिल टूट जाता है। मुस्लिमों को भी कचड़ा उठाने का काम दिया जाता है, लेकिन वे अपना काम ठीक से नहीं करते हैं।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

10 September 2018, 12:19