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गरीब, आदिवासी एवं आप्रवासियों के लिए मुफ्त चिकित्सक

नई दिल्ली में गरीबों, आदिवासियों एवं आप्रवासियों के लिए मुफ्त में चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध की जा रही हैं। संत अल्फोंसा गिरजाघर में यह सुविधा उपलब्ध किया गया है। पल्ली पुरोहित ने कहा कि इसका अर्थ संस्कारों को मनाने से परे जाना तथा पल्ली के गरीबों की आवश्यकताओं का प्रत्युत्तर देना है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

मुम्बई, बृहस्पतिवार, 27 सितम्बर 2018 (एशियान्यूज)˸ नई दिल्ली स्थित संत अल्फोंसा पल्ली ने गरीबों, आदिवासियों, काम की खोज में विस्थापित लोगों एवं घरेलू कामकाजी लोगों को मुफ्त में चिकित्सा सुविधा देना आरम्भ किया है। पहल की शुरूआत 9 सितम्बर को संत अलफोंसा गिरजाघर में किया गया।

गरीबों की सेवा सिर्फ उदारता नहीं बल्कि विश्वास की अभिव्यक्ति

संत अल्फोंसा गिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर फ्रेडेरिक डीसूजा ने एशियान्यूज को बतलाया, "हमने संत पापा से सीखा है कि गरीबों की सेवा सिर्फ उदारता का कार्य नहीं हैं बल्कि विश्वास की अभिव्यक्ति है।" उन्होंने कहा, "इसका अर्थ है संस्कार को मनाने के परे जाना तथा गरीब पल्ली वासियों एवं अन्य लोगों की आवश्यकताओं में उनकी मदद करना।" उन्होंने बतलाया कि करीब 285 लोगों ने मुफ्त मेडिकल जाँच एवं दवाइयों का फायदा उठाया है जबकि 75 लोगों को बेहतर जाँच के लिए बाहर भेजा गया है। 

प्रेरितिक उदारता का महान अनुभव

फादर डीसूजा ने कहा कि पल्ली में करीब 400 परिवार हैं। जिनमें से अधिकतर आदिवासी हैं जो हाल में केरल एवं मैंगलोर से आये हुए हैं। उनके लिए पल्लीवासियों का मेडिकल जाँच शिविर में शामिल होना, आनन्द का विषय है जो प्रेरितिक उदारता का महान अनुभव प्रदान करता है। कई लोगों के पास सहायता करने के उपकरण हैं जबकि कुछ लोग गरीब हैं फिर भी वे अपनी ही तरह से उदार हैं। ये सब अत्यन्त उत्साहजनक है।

जाँच की सुविधाएँ

पहल की शुरूआती दिनों में पोस्टर लगाकर विज्ञापन दिया गया। फादर ने कहा, "हमने यह सेवा देने का निर्णय लिया है क्योंकि अधिकतर लोग कठिन काम करते हुए भी चिकित्सा के लिए फीस देने में असमर्थ होते हैं। मैंने पल्ली वासियों को निमंत्रण दिया कि वे अपने पड़ोसियों के करीब रहें और उन्होंने बिना शर्त इसका प्रत्युत्तर दिया।" जाँच सुविधाओं में खून जाँच, रक्तचाप माप, नेत्र एवं दाँत की जाँच और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। कुछ लोगों को साधारण दवाइयाँ एवं चश्मा भी प्रदान किये गये हैं। पल्ली के एक व्यक्ति ने शिविर में अपनी ओर से भोजन तथा पेयजल की व्यवस्था की।

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27 September 2018, 15:02