सैफबिन’ कारितास इंडिया सम्मेलन सैफबिन’ कारितास इंडिया सम्मेलन 

किसानों के लिए कारितास इंडिया की कृषि परियोजना

छोटे किसानों के अनुकूली खेती और जैव-विविधता नेटवर्क या ‘सैफबिन’ कारितास इंडिया की परियोजना है जिसका लक्ष्य दक्षिण एशिया के करीब 40,000 छोटे किसानों के खाद्य और पोषण सुरक्षा में सुधार करना है।

माग्रेट सुनीता मिंज - वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, सोमवार 6 अगस्त 2018 (वाटिकन न्यूज) : भारत में काथलिक कलीसिया की सामाजिक शाखा कारितास इंडिया ने दक्षिण एशिया के छोटे किसानों के भोजन और पोषण सुरक्षा में सुधार के लिए एक कृषि परियोजना शुरू की है।

इस परियोजना को छोटे किसानों की अनुकूल खेती और जैव-विविधता नेटवर्क या सैफबिन का नाम दिया गया है। इसे कारितास ऑस्ट्रिया और कारितास स्विट्जरलैंड का समर्थन प्राप्त है।

आपस में साझा करते हुए सीखना

31 जुलाई को नई दिल्ली में एक समारोह में सैफबिन छोटे-छोटे किसानों द्वारा किए गए शोध को प्रस्तुत किया गया, जिसे वे तेजी से अप्रत्याशित जलवायु स्थितियों के लिए अपने तरीकों को अनुकूलित कर रहे हैं।

सैफबिन में किसान पहले जलवायु परिवर्तन के कारण विशिष्ट समस्याओं को इंगित करने के लिए स्थानीय पर्यावरण और कृषि अर्थव्यवस्था का अध्ययन करते हैं। वे स्थानीय रूप से स्वीकार्य समाधान की पहचान करते हैं और सर्वोत्तम विकल्प पर पहुंचने के लिए उनका परीक्षण करते हैं। किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के बीच आपस में साझा करते हुए सीखना और समस्याओं का हल करना कारितास प्रोजेक्ट के मूल में है।

सैफबिन 2018 से 2022 तक चलेगा, इसका उद्देश्य भारत में 10,000 किसानों और दक्षिण एशिया के लगभग 40,000 किसानों को लाभ पहुँचाना है।

किसान संघ

समारोह में आमंत्रित अतिथि,  नीति अयोग में भूमि नीति के पूर्व अध्यक्ष एवं नीति और कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) के पूर्व आयुक्त डॉ. टी. हक ने बताया कि पूरी दक्षिण एशिया छोटे किसानों पर निर्भर करती है, जिनकी वार्षिक आय प्रति व्यक्ति $ 1,000 से कम है। साथ ही, दक्षिण कोरियाई या जापानी किसान सालाना पांच आकृति आय अर्जित करते हैं क्योंकि इन दोनों देशों ने कई किसान संघों की स्थापना की है जो अपनी जानकारी साझा करते हैं। हक ने कहा, " सैफबिन भी कुछ इस तरह की रणनीति तैयार की है।"

कारितास इंडिया के कार्यकारी निदेशक फादर पॉल मूनजली ने कहा कि देश के खाद्य और पोषण सुरक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करने में भारत के छोटे किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सैफबिन के माध्यम से, कारितास इंडिया का उद्देश्य किसानों की अपनी संपत्तियों को सामूहिक रुप से सुरक्षित करके छोटे किसानों के लिए सुरक्षा नेट बनाना है।

फादर मूनजली ने यह भी सुझाव दिया कि छोटे-छोटे उत्पादकों के लिए बाजार में मांग पैदा करके और शहरी उपभोक्ताओं को सीधे ग्रामीण उत्पादकों से जोड़ने के लिए, सैफबिन कृषि-जैव विविधता को बढ़ावा देने और पर्यावरण को संरक्षित करने में दोनों की मदद करेगा।

समारोह के अंत में, सैफबिन परियोजना की शुरुआत स्वरुप उपस्थित लोगों को बीज से भरी एक टोकरी भेंट में दी गई।  

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06 August 2018, 15:49