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केरल में बाढ़ प्रभावित लोगों को केरल कलीसिया द्वारा सहायता

केरल के आधे हिस्से में बाढ़ और भुस्खलन से करीब 29 लोगों की मौत तथा 54,000 से ज्यादा लोग बेघर हो गये हैं। काथलिक कलीसिया के अधिकारी प्रभावित लोगों के पुनर्वास हेतु रात दिन काम कर रहे हैं, ज्यादातर गांव के किसानों ने अपना घर और फसल खो दिया है, जिन्हें विस्थापित किया गया है।

माग्रेट सुनीता मिंज - वाटिकन सिटी

तिरुवनंतपुरम, शनिवार 11 अगस्त 2018 (उकान) : केरल में अचानक लगातार बारिश से होने से कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं केरल के आधे हिस्से में बाढ़ और भुस्खलन से करीब 29 लोगों की मौत हो गई है। 54,000 से ज्यादा लोग बेघर हो गये हैं।

धर्माध्यक्ष जेकब की अपील

एर्नाकुलम-अंगमाली महाधर्मप्रांत को प्रेरितिक प्रशासक धर्माध्यक्ष जेकब मनथोदाथ ने कलासिया के अधिकारियों से काथलिक स्कूलों और अन्य संस्थानों को विस्थापित लोगों हेतु खोलने और उनके लिए  भोजन, कपड़े और अन्य राहत सामग्री वितरित करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बांधों के दरवाजों को खोलने की वजह से पेरियार नदी के तट पर रहने वाले लोगों को खतरा है। कलीसिया संकट में पड़े लोगों की मदद में हर संभव प्रयास करेगी।

सबसे बुरी तरह से प्रभावित इडुक्की धर्मप्रांत के प्रवक्ता फादर जोस प्लाचिक्काल ने कहा कि बाढ़, भूस्खलन और बांधों के पानी को खोलने से प्रभावित लोगों को विस्थापित करने में कलीसिया के लोग स्थानीय अधिकारियों की सहायता कर रहे हैं। कोड़िकोड और वायनाड जिलों के विस्थापित लोगों को काथलिक स्कूलों और अन्य संस्थानों में रखा जा रहा है। 

मुख्यमंत्री विजयन ने बताया कि केरल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब 22 बांध पानी से पूरी तरह भर गए और सबके गेट खोले गए हों। शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित केरल को केंद्र की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी।

जल थल सेनाओं द्वारा बचाव कार्य

केरल के अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 439 राहत शिविरों में कुल 53,501 लोगों को रखा गया है। कई जगहों पर सड़कें धंस जाने के कारण पर्यटकों को पर्वतीय इडुक्की जिले में दाखिल होने से रोका गया है। कोड़िकोड और वायनाड में विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए थलसेना के जवान छोटे-छोटे पुल बना रहे हैं। इडुक्की जलाशय से और ज्यादा पानी जारी होने की संभावना के मद्देनजर इडुक्की और इससे सटे जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया। बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित राज्य के कुल 14 जिलों में से सात उत्तरी जिलों में थलसेना की पांच टुकड़ियां तैनात की गई हैं ताकि लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने और अस्थायी पुलों के निर्माण में मदद मिले।

एक राहत अधिकारी शिबू ने शुक्रवार को उका न्यूज को बताया कि लगभग 200 सेना के सैनिक सबसे खराब क्षेत्र अयनकुल्लू, इडुक्की और वायनाड में बचाव कार्यकर्ताओं के साथ मिल कर काम कर रहे हैं।

विदेशियों और पर्यटकों की सुरक्षा

केरल के पर्यटन मंत्री के. सुरेंद्रन ने बताया कि 24 विदेशियों सहित कम से कम 50 पर्यटक बुधवार से ही मन्नार के प्लम जूडी रिजॉर्ट में फंसे हुए थे और उन्हें वहां से निकालकर सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है।

शुक्रवार सुबह केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने थलसेना, नौसेना, वायुसेना, तटरक्षक बल और एनडीआरएफ की ओर से चलाए जा रहे बाढ़ राहत कार्यों और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इडुक्की बांध में जल स्तर बढ़ने के कारण अभी छोड़े जा रहे पानी की तुलना में तीन गुना ज्यादा पानी छोड़ना जरूरी हो गया है। इससे पेरियार नदी और इसकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ेगा। लोगों को चौकस रहना चाहिए।

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11 August 2018, 16:09