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भूकंप प्रभावित लोगों को खाद्य सामग्री की मदद भूकंप प्रभावित लोगों को खाद्य सामग्री की मदद 

इंडोनेशिया भूकंप पीड़ितों के लिए काथलिकों द्वारा सहायता जारी

इंडोनेशिया के भूकंप पीड़ितों के लिए काथलिक एजेसियों द्वारा सहायता जारी है

माग्रेट सुनीता मिंज - वाटिकन सिटी

माताराम, इंडोनेशिया शनिवार 11 अगस्त 2018 (सीएनए) : इंडोनेशिया की काथलिक राहत सेवाएं भूकंप से बचे लोगों को आश्रय और आवश्यकताओं की वस्तुओं को पूरा करने में लगी है। गत सप्ताह आये जबरदस्त भूकंप से मरने वालों की संख्या सैंकड़ों पहुच गई है। हजारों लोग गंभीर रुप से घायल हैं और हजारों की संख्या में लोग बिना घर-बार के तम्बुओं में रह रहे हैं।

देश में काथलिक राहत सेवाओं की आपातकालीन गतिविधियों का नेतृत्व कर रहे येनी सुर्यानी का कहना है, "हमारी प्राथमिकता है कि हम क्षेत्र की जितनी अधिक हो सके जानकारी प्राप्त करें जिससे कि प्रभावित लोगों को सही तरह से  सहायता पहुंचाने हेतु काम शुरु किया जा सके।

मरने वालों की संख्या में वृद्धि

गत रविवार रात को, देश के उत्तर में 6.9 तीव्रता का भूकंप आया। अनुमानित मरने वालों की संख्या 250 से 350 के बीच है, अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि संख्या बढ़ सकती है्। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, 1,400 से ज्यादा घायल हो गए और करीब 270,000 लोग विस्थापित हुए हैं।

रेड क्रॉस के प्रतिनिधि ने सीएनएन को बताया कि भूस्खलन और मलबे से अवरुद्ध सड़कों के चलते सहायता कर्मियों को पहाड़ी इलाकों में जरुरतमंद लोगों के पास पहुंचने में परेशानी हो रही है।

एक खोज और राहत अधिकारी ने राज्य संचालित अंटारा समाचार एजेंसी को बताया कि बचे हुए लोग भय का सामना कर रहे हैं, और कुछ भूकंप के बाद घर के अंदर जाने और रात बिताने से डरते हैं।

राहत कार्य जारी

काथलिक राहत सेवाओं के लिए आपातकालीन संचार निदेशक कैरोलिन ब्रेनन ने सीएनए को बताया कि एजेंसी के मानवीय प्रतिक्रिया प्रयास पहले से ही चल रहे हैं। सीआरएस और इसके स्थानीय कलीसिया के सदस्य वर्तमान में भूकंप से प्रभावित क्षेत्र लोमबोक जिले में बेसिक राहत कार्य-भोजन, पीने के पानी और स्वास्थ्य किट मुहैया करा रही है। विशेषकर तीन गाँव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं 90 प्रतिशत घर ढह गये या रहने लायक नहीं रहे और लोग बाहर या तो टेंट में रात बिताते हैं या उन्हें दूसरी ओर भेज दिया गया है। इस क्षेत्र में बिजली और संचार की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।

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11 August 2018, 16:22