फिलीपीन की कलीसिया राजनीति में शामिल नहीं, धर्माध्यक्ष वर्गारा
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
मनिला, शनिवार, 21 जुलाई 2018 (वाटिकन न्यूज) : फिलीपीन एशिया का सबसे बड़ा काथलिक देश है जहाँ कलीसिया विश्वास, नैतिकता और सामाजिक न्याय के मामलों पर बहुत सक्रिय है पर बहुधा देश के धर्माध्यक्षों को राजनीति में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया जाता है।
प्रेरितिक पत्र
धर्माध्यक्षों ने 9 जुलाई को जारी किए गए एक प्रेरितिक पत्र में इस आरोप का खंडन किया है। देश के "परेशान और अंधकार समय" के बारे में बोलते हुए, अपने प्रेरितिक पत्र "आनन्दित रहो और हर्षित हो!" में धर्माध्यक्षों ने, हत्या, गरीबी, सामाजिक अन्याय और आप्रवासन, जैसे मुद्दों को उठाया और काथलिकों से शांति बनाने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने का आग्रह किया। धर्माध्यक्षों ने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि "वे सरकार को अस्थिर करने के लिए राजनीतिक गतिविधियों में शामिल थे"।
फिलीपीन के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के संचार आयोग के अध्यक्ष पासीग के धर्माध्यक्ष माइल हबर्ट वर्गारा, 9 जुलाई को प्रेरितिक पत्र प्रस्तुत करने वालों में से एक थे। वाटिकन संवाददाता गोमेस ने धर्माध्यक्ष वर्गारा से सम्पर्क कर फिलीपीस में कलीसिया-राज्य अलगाव और राजनीति में भागीदारी के बारे में पूछा।
कलीसिया-राज्य अलगाव
धर्माध्यक्ष वर्गारा ने कहा कि कलीसिया सबकी भलाई के लिए स्थानीय सरकार और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ "महत्वपूर्ण सहयोग" में शामिल थी। उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में, जब बुनियादी मानवाधिकार, जैसे जीवन के अधिकार का उल्लंघन किया जाता है तो कलीसिया को बोलना पड़ता है। धर्माध्यक्ष वर्गारा ने कहा कि धर्माध्यक्षों ने सामाजिक अन्याय, ड्रग्स सेवन करने वालों की हत्या, पुरोहितों की हत्या तथा न्यायिक हत्याओं की समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार से आग्रह किया है और इन मसलों का हल करने में सहयोग देने की इच्छा प्रकट की है।
कोई राजनीति नहीं
धर्माध्यक्ष वर्गारा ने कहा कि धर्माध्यक्ष राजनीति में कोई हस्तक्षेप नहीं करते, लेकिन जब आम लोगों की भलाई खतरे में रहती है तो उन्हें बोलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कलीसिया मानव जीवन को महत्व देती है और व्यक्तियों तथा परिवारों के जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की गारंटी की मांग करती है। उन्होंने फिलीपीन में धर्माध्यक्षों की राजनीति में शामिल होने की बात को इनकार कर दिया हैं, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया है कि वे सामाजिक न्याय के समर्थन में बात करते हैं जो कलीसिया की शिक्षा भी है।
धर्माध्यक्ष ने कहा, "वास्तव में, प्रेरितिक पत्र में जब हम कुछ मुद्दों पर बात करते हैं, तो यह हमेशा विश्वास और नैतिकता, विशेष रूप से सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर होता है, राजनीतिक या विचारधारात्मक एजेंडा पर कभी भी नहीं होता।"
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