खोज

एरिट्रेया के राष्ट्रपति एवं इथोपिया के प्रधानमंत्री एक ऐतिहासिक दौरे पर एरिट्रेया के राष्ट्रपति एवं इथोपिया के प्रधानमंत्री एक ऐतिहासिक दौरे पर 

इरिट्रिया की कलीसिया ने शांति हेतु प्रार्थना का आह्वान किया

इरिट्रिया की काथलिक कलीसिया ने न्याय एवं स्थायी शांति की स्थापना हेतु प्रार्थना का आह्वान किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

इरिट्रिया की काथलिक कलीसियाई समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष मेनघेसताब तेसफामारियाम ने पत्र में विश्वासियों को सम्बोधित कर लिखा है, "ईश्वर के परिवार के प्रिय सदस्यो, इथोपिया के नेताओं एवं इरिट्रिया के बीच घोषणा पत्र में हस्ताक्षर करने के लिए ईश्वर को धन्यवाद दें तथा न्याय एवं स्थायी शांति बहाल करने हेतु विशेष प्रार्थना में भाग लें।"

शांति घोषणा

शांति घोषणा पर हस्ताक्षर तब की गयी जब पिछले हफ्ते एरिट्रिया की राजधानी असमा में दोनों देशों के नेताओं के बीच बैठक के दौरान शांति घोषणा हुई। इरिट्रिया के राष्ट्रपति और इथियोपियाई प्रधान मंत्री ने 1998 से 2000 के बीच संघर्ष में सीमा को बंद कर दिए जाने के लगभग दो दशकों बाद पहली बार मुलाकात की, जिसके परिणामस्वरूप तनाव बढ़ गया था।

महाधर्माध्यक्ष ने लिखा, "जैसा कि हम सभी जानते हैं शांति की गूँज जिसकी आशा हम सभी कई वर्षों से कर रहे हैं, हमें खुशी और साहस से प्रेरित कर रहा है।"

कृतज्ञता अर्पण

उन्होंने लिखा, सर्वप्रथम हमें प्रभु को धन्यवाद देना चाहिए तथा उन सभी के प्रति भी आभार व्यक्त करना चाहिए जो शांति की स्थापना हेतु प्रतिबद्ध हैं, इसके साथ-साथ हमें निरंतर प्रार्थना एवं निवेदन करते रहने की भी आवश्यकता है।

विशेष प्रार्थना

अतः महाधर्माध्यक्ष ने 8 जुलाई से 6 अगस्त तक, महाधर्मप्रांत के सभी पल्लियों, गिरजाघरों, प्रार्थनालयों, कॉनवेंटों एवं मठों में विशेष प्रार्थना की अपील की है। उन्होंने विश्वासियों को सादगी, न्याय, क्षमाशीलता, लचीलापन और सबसे बढ़कर मेल-मिलाप एवं दया के सच्चे मनोभाव को अपनाने हेतु प्रेरित किया है।   

महत्वपूर्ण घटना

पत्र में लिखा गया है कि शांति की यात्रा को प्रभावशाली, फलप्रद एवं लोगों के सर्वजनिक कल्याण उन्मुख बनाने के लिए वे न केवल प्रार्थना करने बल्कि न्याय, शांति एवं मेल-मिलाप की भावनाओं पर भी चिंतन करना है।  

धर्माध्यक्ष ने सभी को सलाह दिया है कि वे प्रार्थना के इस अवसर में ईशवचन एवं कलीसियाई दस्तावेजों को अपना आधार बनायें।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

14 July 2018, 15:15