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संत पापा पॉल छठे की जिनेवा यात्रा संत पापा पॉल छठे की जिनेवा यात्रा 

कनाडा के धर्माध्यक्ष ‘ह्युमान्ये भीत्ये’ : जीवन की पूर्णता के लिए है'

कनाडा के धर्माध्यक्षों ने संत पापा पॉल छठे के द्वारा 1968 में प्रकाशित प्रेरितिक पत्र ‘ह्युमान्ये भीत्ये’(मानव जीवन) की 50वीं वर्षगांठ पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि यह जीवन की पूर्णता के लिए एक "जबरदस्त 'हां!' था।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

कनाडा, बुधवार 25 जुलाई 2018 (रेई) : धर्मसिद्धांत हेतु बने कनाडा धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीसीसीबी) ने प्रेरितिक विश्वपत्र ‘ह्यूमान्ये भीत्ये’(मानव जीवन) की 50 वीं वर्षगांठ पर कनाडा के काथलिकों और अच्छी इच्छा वाले सभी लोगों के लिए एक बयान जारी किया है। अंग्रेजी और फ्रेंच दोनों में प्रकाशित "द जॉय ऑफ़ मारिड लव" (वैवाहिक प्रेम का आनंद) में, कनाडा के धर्माध्यक्ष ‘ह्यूमान्ये भीत्ये’ द्वारा प्रदान किए जाने वाले आनंद के वादे को खोजने के लिए विवाहित दम्पतियों को प्रोत्साहित करते हैं।

जीवन के लिए 'हां'

यह सिर्फ गर्भनिरोधक के लिए केवल 'नहीं' कहने के बजाय, कनाडा के धर्माध्यक्षों ने पुष्टि की है कि ‘ह्यूमान्ये भीत्ये’ एक शानदार "हां!" प्रदान करती है जिसे येसु ख्रीस्त सम्पूर्ण जीवन के रुप में हमें प्रतिज्ञा करते हैं। (योहन 10:10)

मानव प्रेम दैवीय प्रेम का रुप

धर्माध्यक्ष कहते हैं कि मानव प्रेम दैवीय प्रेम को प्रतिबिंबित करने के लिए है जो शर्तहीन, संपूर्ण, विश्वासनीय और फलदायी है। मनुष्य इस प्रेम से जुड़ते हैं और इसे "शरीर की भाषा" के माध्यम से व्यक्त करते हैं। इसलिए, यह प्यार "जीवनभर, अनन्य और दाम्पत्य प्रेम से परे पहुंचने के लिए तैयार है, यहां तक कि एक नया जीवन भी लाता है!"

विवाह मसीह का प्यार 

एफेसियों 5:32 का प्रयोग करते हुए, धर्माध्यक्षों ने वैवाहिक प्रेम पर चिंतन किया है। वे कहते हैं कि जब हम पवित्र परमप्रसाद को ग्रहण करते हैं तो हम मसीह की दुल्हन के साथ शारीरिक रूप से और गहराई से जुड़ जाते हैं। मसीह के साथ संयुक्त रहने से हम स्वयं को पूर्णरुप से चढ़ा देते हैं, जैसा कि स्वयं येसु ख्रीस्त ने अपने को अर्पित कर दिया है। वे हमारे आदर्श हैं।

लैंगिकता दिव्य प्रेम की अभिव्यक्ति 

यहां तक कि मानव कामुकता का उपहार दिव्य प्रेम को व्यक्त करने का एक अहम हिस्सा  है। इस प्रकार, धर्माध्यक्षों का कहना है कि प्रत्येक यौन कृत्य "प्रेम प्रदर्शित करने के लिए है" जो मुफ़्त है अपने आप का समर्पण है और नए जीवन के लिए खुला है जो दाम्पत्य प्रेम को फलदायी बनाता है।

अनंत प्रेम हेतु हमारी सृष्टि

धर्माध्यक्ष हमें याद दिलाते हैं, “चूंकि हम अनंत प्रेम के लिए बने हैं, केवल अनंत प्रेम हमें संतुष्ट कर सकता है।” कलीसिया चाहती है कि दम्पित विवाह में मानव प्रेम की पूर्णता का अनुभव करें। इसका अर्थ यह हुआ, संत पापा पॉल छठे ने ‘ह्यूमान्ये भीत्ये’ में लिखा कि  ईश्वर के इस दिव्य उपहार का उपयोग, भले ही केवल आंशिक रूप में क्यों न हो, हम दूसरे को जीवन के अर्थ और उद्देश्य" से वंचित न करें।, "जानबूझकर यौन कृत्यों में परिवर्तन लाना... हमारी स्वभाविक कामुकता की भाषा को गलत साबित करती है।"

वैवाहिक प्रेम की खुशी

अंत में, धर्माध्यक्षों ने काथलिकों को ‘ह्यूमान्ये भीत्ये’ पढ़ने और इसके अंदर निहित सुंदर सत्य को फिर से खोजने के लिए प्रोत्साहित किया है। धर्माध्यक्षों की प्रार्थना है कि सभी विवाहित दम्पति, अपने बपतिस्मा और विवाह की कृपा के प्रति वफादार रहें और वैवाहिक प्रेम की खुशी का अनुभव करें जैसा कि ‘ह्यूमान्ये भीत्ये’ में सिखाया गया है और इस प्रकार वे दुनिया में ईश्वर की प्रेमपूर्ण उपस्थिति का संकेत बनेंगे।

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26 July 2018, 10:27